फिर से 48 घंटे के अंतराल से मिलेगा पानी
तैतरोल से लगातार पंपिंग शुरु होने के साथ ही जालो में गुरुवार को 50 लाख लीटर तक पानी की अतिक्ति उपलब्धता हो गई। जिसके साथ ही विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति शुरु कर दी। वहीं एफआर प्रोजेक्ट से जुड़े गांव कस्बों के लिए भी पंपिंग शुरु कर दी गई है। पानी की इस उपलब्धता के साथ ही शहर में 48 घंटे के अंतराल से आपूर्ति का शैड्यूल भी बहाल हो गया है।
तैतरोल से लगातार पंपिंग शुरु होने के साथ ही जालो में गुरुवार को 50 लाख लीटर तक पानी की अतिक्ति उपलब्धता हो गई। जिसके साथ ही विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति शुरु कर दी। वहीं एफआर प्रोजेक्ट से जुड़े गांव कस्बों के लिए भी पंपिंग शुरु कर दी गई है। पानी की इस उपलब्धता के साथ ही शहर में 48 घंटे के अंतराल से आपूर्ति का शैड्यूल भी बहाल हो गया है।
जानिये क्यों बड़ी परेशानी
जालोर जिला डार्क जोन में है और गर्मी के मौसम में पेयजल संकट गहराता है। वहीं बारिश कम होने की स्थिति में तो जलस्रोत जवाब दे जाते हैं और हालात और भी ज्यादा भयंकर हो जाते हैं। जैसे इस वर्ष देखने को मिलते हैं। जालोर शहर समेत अन्य क्षेत्र नर्मदा परियोजना के एफआर प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। इसलिए जब नर्मदा परियोजना से आपूर्ति प्रभावित होती है तो जल संकट गहराता है और शहरी पेयजल आपूर्ति 33 ट्यूबवैल पर निर्भर करने लग जाती है, जिनसे खारे पानी की नाकाफी आपूर्ति होती है। सीधे तौर पर नर्मदा परियोजना से आपूर्ति बंद होने पर लोगों को पानी का प्रबंध अपने स्तर पर करना पड़ता है जो गर्मी के मौसम में टेढ़ी खीर है।
जालोर जिला डार्क जोन में है और गर्मी के मौसम में पेयजल संकट गहराता है। वहीं बारिश कम होने की स्थिति में तो जलस्रोत जवाब दे जाते हैं और हालात और भी ज्यादा भयंकर हो जाते हैं। जैसे इस वर्ष देखने को मिलते हैं। जालोर शहर समेत अन्य क्षेत्र नर्मदा परियोजना के एफआर प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। इसलिए जब नर्मदा परियोजना से आपूर्ति प्रभावित होती है तो जल संकट गहराता है और शहरी पेयजल आपूर्ति 33 ट्यूबवैल पर निर्भर करने लग जाती है, जिनसे खारे पानी की नाकाफी आपूर्ति होती है। सीधे तौर पर नर्मदा परियोजना से आपूर्ति बंद होने पर लोगों को पानी का प्रबंध अपने स्तर पर करना पड़ता है जो गर्मी के मौसम में टेढ़ी खीर है।
पत्रिका व्यू
इस वर्ष नर्मदा परियोजना के एफआर प्रोजेक्ट पर रॉ-वॉटर रिजरवायर का काम पूरा होने के बाद उसमें पानी का स्टॉक शुरु किया गया है। अभी तैतरोल में स्थित इस आरडब्ल्यूआर में पानी का भराव कुल क्षमता का आधा ही है। बेहतर यह है कि इस आरडब्ल्यूआर को पूर्ण क्षमता तक भरा जाए तो संभावित परेशानी के दौरान इससे 21 दिन तक पानी की आपूर्ति संभव हो सके। इसी तरह शहर के निकट भी इसी तरह का एक बड़ा स्टॉक टैंंक का निर्माण भी करवाया जाए, जहां पर कम से कम इतने ही दिन के लिए पानी का स्टॉक रह सके ताकि नर्मदा परियोजना में क्लोजर, पाइप लाइन डेमेज, बागोड़ा, उम्मेदाबाद पंपिंग स्टेशन में बिजली आपूर्ति में व्यवधान की स्थिति में भी शहरी पेयजल आपूर्ति बहाल रह सके। अभी शहर के आस पास पानी का कोई बड़ा स्टॉक टैंक नहीं है।
इस वर्ष नर्मदा परियोजना के एफआर प्रोजेक्ट पर रॉ-वॉटर रिजरवायर का काम पूरा होने के बाद उसमें पानी का स्टॉक शुरु किया गया है। अभी तैतरोल में स्थित इस आरडब्ल्यूआर में पानी का भराव कुल क्षमता का आधा ही है। बेहतर यह है कि इस आरडब्ल्यूआर को पूर्ण क्षमता तक भरा जाए तो संभावित परेशानी के दौरान इससे 21 दिन तक पानी की आपूर्ति संभव हो सके। इसी तरह शहर के निकट भी इसी तरह का एक बड़ा स्टॉक टैंंक का निर्माण भी करवाया जाए, जहां पर कम से कम इतने ही दिन के लिए पानी का स्टॉक रह सके ताकि नर्मदा परियोजना में क्लोजर, पाइप लाइन डेमेज, बागोड़ा, उम्मेदाबाद पंपिंग स्टेशन में बिजली आपूर्ति में व्यवधान की स्थिति में भी शहरी पेयजल आपूर्ति बहाल रह सके। अभी शहर के आस पास पानी का कोई बड़ा स्टॉक टैंक नहीं है।
शहरवासियों ने ली राहत की सांस
जालोर शहर में पेयजल संकट की स्थिति के बीच पत्रिका ने इस मुद्दे को प्रकाशित किया। जनता की इस प्रमुख समस्या पर राजस्थान पत्रिका के 13 अपे्रल के अंक में ‘नर्मदा मुख्य केनाल में लेवल घटा, नतीजा पंपिंग बंद, अब 72 घंटे बाद मिल रहा पानी’, 14 अपे्रल को ‘गुजरात में दो दिन की मनमर्जी से गहराया पेयजल संकट शाम को केनाल में सुधार से जालोर में मिली थोड़ी राहत’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए। इस अहम मसले पर अब सकारात्मक पहल के साथ पानी की आपूर्ति हो चुकी है।
जालोर शहर में पेयजल संकट की स्थिति के बीच पत्रिका ने इस मुद्दे को प्रकाशित किया। जनता की इस प्रमुख समस्या पर राजस्थान पत्रिका के 13 अपे्रल के अंक में ‘नर्मदा मुख्य केनाल में लेवल घटा, नतीजा पंपिंग बंद, अब 72 घंटे बाद मिल रहा पानी’, 14 अपे्रल को ‘गुजरात में दो दिन की मनमर्जी से गहराया पेयजल संकट शाम को केनाल में सुधार से जालोर में मिली थोड़ी राहत’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए। इस अहम मसले पर अब सकारात्मक पहल के साथ पानी की आपूर्ति हो चुकी है।