– 90 के दशक में मीटर गेज पर समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड में जो यात्री सुविधाएं मिल रही थी ब्रॉडगेज के बाद अब उन्हें ही कर दिया गया है दरकिनार
जालोर. समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड में ब्रॉडगेज का
काम पूरा होने के बाद इस खंड के 21 स्टेशन के यात्रियों के लिए सुविधा बढऩे के बजाय दिक्कतें बढ़ गई है। कहने को इस रेल खंड में फिलहाल दो साधारण सवारी गाड़ी प्रतिदिन चल रही है, लेकिन उससे ज्यादा राहत नहीं मिल पा रही। जालोर से प्रतिदिन अहमदाबाद के लिए बड़ी तादाद में सवारियां होती है, लेकिन प्रतिदिन सीधी टे्रन नहीं होने से मजबूरी में यात्रियों को बसों में महंगे और परेशानी भरे सफर को मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि 90 के दशक में मीटर गेज ट्रेक की बात करें तो जिलेवासियों के लिए प्रतिदिन जोधपुर-अहमदाबाद मेल चला करती थी, जिससे यहां से यात्रियों का
जोधपुर और गुजरात राज्य में अहमदाबाद तक पहुंचना आसान था। अहमदाबाद तक कनेक्टिविटी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से साउथ के लिए लंबी दूरी की टे्रनों की कनेक्टिविटी है और जिले से बड़ी संख्या में लोग दक्षिणी भारत में रहते हैं।
अदूरर्शिता, टाइम टेबल भी बेमेल
रेलवे प्रशासन की ओर से फिलहाल जो साधारण सवारी गाडिय़ां चलाई जा रही है। उनके टाइम टेबल की तरफ भी
ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे टे्रनों की बेहतर कनेक्टिविटी नहीं मिल पा रही। शाम को जोधपुर से चलकर पालनपुर तक जाने वाली साधारण सवारी गाड़ी को वेस्टर्न रेलवे की ओर से सेक्शन में पहुंचने की परमिशन नहीं मिलने के चलते इस टे्रन को जेनाल, धनेरा के बीच ३ घंटे तक रोका जाता है। यदि टे्रन को यहां बेवजह नहीं रोका जाए तो यह टे्रन रिटर्न भी दो घंटे पहले होगी, जिससे यह टे्रन मीटर गेज के समय संचालित लोकल टे्रन की तरह भीनमाल में सवेरे 5 से 6 बजे के बीच और जालोर में लगभग साढ़े सात बजे पहुंच जाएगी, जिससे जोधपुर यह टे्रन लगभग 10 से 11 बजे के बीच पहुंच जाएगी, ताकि जोधपुर पहुंचने में यात्रियों को आसानी होगी। वहीं बेहतर कनेक्टिविटी पर यह टे्रन कालका टे्रन की कनेक्टिविटी भी देगी, जिससे यात्रियों को दिल्ली तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।
बढ़ाने की नहीं, केवल सुधारने की जरुरत
पत्रिका ने इस मामले में जिले में विभिन्न रेल संगठनों और रेलवे के सेवानिवृत्त अधिकारियों से बात की और जाना कि आखिर ब्रॉडगेज होने के बाद मीटर गेज के समय जो सुविधाएं यात्रियों को मिल रही थी वो भी क्यों नहीं मिल रही और इस समस्या का स्थायी समाधान क्या है। तो सामने आया कि रेल प्रशासन ने जो टे्रनें चलाई है, उनकी बेहतर कनेक्टिविटी नहीं होने से ये हालात बन रहे हैं। पहले स्तर पर केवल टाइम टेबल में सुधार कर टे्रनों की कनेक्टिविटी दे दी जाए तो यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। पत्रिका ने इन लोगों से मिले सुझाव सुने तो यह सामने आया:
– जोधपुर-पालनपुर के लिए शाम को चल रही लोकल टे्रन को जेनाल, धानेरा, भीलड़ी के बीच 3 घंटे रोका जा रहा है। इस समय की बर्बादी नहीं करते हुए इसे समय पर पालनपुर पहुंचाया जाए और वहां से पुन: रवाना किया जाए। ऐसे में यह टे्रन जालोर में सवेरे 7 बजे पहुंचेगी, जिससे कालका टे्रन से कनेक्टिविटी मिलने पर दिल्ली तक पहुंचना भी आसान होगा।
– जोधपुर से पालनपुर को शाम को चल रही टे्रन में काफी लोग यात्रा करते हैं। इसमें गुजरात में उपचार के लिए जाने वाले मरीज भी अधिक होते हैं, लेकिन सुविधा की दृष्टि से देखा जाए तो डेमू का रैक साधारण रैक से असुविधाजनक होता है और इसमें जरुरत पडऩे पर मरीज या व्यक्ति आराम तक नहीं कर सकता। ऐसे में जरुरत है। जोधपुर-पालनपुर टे्रन में डेमू के स्थान पर साधारण रैक का उपयोग किया जाए।
– समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड समेत जालोर जिले की 19 लाख की आबादी की आवाजाही जोधपुर और अहमदाबाद अधिक है। फिलहाल अहमदाबाद के लिए सप्ताह में मात्र एक दिन एक्सप्रेस टे्रन भगत की कोठी-अहमदाबाद चलाई जा रही है। जबकि मीटर गेज के समय यह टे्रन नियमित थी।
– बीकानेर-दादर टे्रन में यात्री भार काफी अच्छा है। इस टे्रन से भी लोग अहमदाबाद और महाराष्ट्र तक पहुंचते हैं और इसके बाद साउथ के लिए टे्रनें पकड़ते हैं। फिलहाल यह टे्रन सप्ताह में मात्र 2 दिन चलाई जा रही है। ऐसे में जिलेवासियों की सुविधा को देखते हुए इस टे्रन के फेरे बढ़ाए जाएं।
– लूनी जंक्शन से १६५३४ रानीखेत एक्सप्रेस, २२९६५, १५०१४, १९१०७ गाडिय़ों का स्टॉपेज नहीं है। यदि इन टे्रनों का स्टॉपेज यहां दिया जाए तो यहां से जिलेवासियों को लूनी से ये लंबी दूरी की टे्रनें मिल सकेंगी।
– जोधपुर-गांधीधाम टे्रन का रेलवे प्रशासन की ओर से पिछले 7 साल से संचालन किया जा रहा है। लेकिन इस रेल खंड की बात करें तो अब तक जिले की कनेक्टिविटी या सीधी टे्रन राज्य की राजधानी
जयपुर तक नहीं है। यदि इस टे्रन को जोधपुर की बजाय जयपुर तक बढ़ाया जाना चाहिए।
– मीटर गेज के समय एक लोकल टे्रन दोपहर में भी समदड़ी से भीलड़ी की तरफ चला करती थी। ब्रॉडगेज के बाद भगत की कोठी-अहमदाबाद साप्ताहिक टे्रन को छोडक़र केवल सवेरे और शाम को ही टे्रनें चला करती है। दिन में केवल गुड्स टे्रनें चलती है। यात्रियों की सुविधा के लिए पूर्व की भांति एक लोकल टे्रन दोपहर में भी चलाई जाए।
आज ये रहेगा महाप्रबंधक का कार्यक्रम
उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक टीपीसिंह व रेलवे के अन्य अधिकारी विशेष टे्रन से सोमवार को भीलड़ी से रवाना होंगे। विभिन्न स्टेशनों का निरीक्षण करने के बाद दोपहर के लगभग बागरा स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद जालोर पहुुंचेंगे।
इनका कहना
समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड में अभी यात्री सुविधाओं का अभाव है। टे्रनों का टाइमिंग भी ठीक नहीं होने से ज्यादा फायदा नहीं मिल पा रहा है। टे्रनों की बेहतर कनेक्टिविटी के साथ साथ टे्रनों के फेरे बढ़ाने की जरुरत है।
– चिरंजीलाल दवे, सदस्य, रेलवे परामर्श दात्रि समिति
मीटर गेज के समय जो टे्रनें चल रही थी वे बेहतर कनेक्टिविटी दे रही थी, लेकिन ब्रॉडगेज के बाद टे्रनों का संचालन तो शुरू कर दिया गया, लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। लूनी में भी बिना कनेक्टिविटी के चलते टे्रनें निकल रही है। इससे जिले से गुजर रही टे्रनों को कनेक्ट करवा दिया जाए तो काफी राहत मिलेगी।
– गोपाल जोशी, सेवानिवृत्त स्टेशन मास्टर
रेलवे प्रशासन को जिले की 19 लाख की आबादी की सुविधा का ध्यान देते हुए रेल सेवाओं का विस्तार करना चाहिए। सबसे अहम मसला अहमदाबाद के लिए रेगुलर टे्रन का है। साथ ही बीकानेर-दादर टे्रन के भी फेरे बढ़ाने की जरुरत है।
– जयंतीलाल जैन, अध्यक्ष, पश्चिमी राजस्थान विकास परिषद, अहमदाबाद
पिछले 7 साल में समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड में यात्री सुविधाओं की तरफ ध्यान नहीं दिया गया है। नई टे्रनों की बजाय जो पुरानी टे्रनें चल रही है उनके टाइमिंग में सुधार के साथ साथ उनका लंबी दूरी की टे्रनों से मिलान के अनुसार टाइम टैबल में आवश्यक संशोधन आवश्यक है।
– हीराचंद भंडारी, अध्यक्ष, युवा यात्री गाड़ी संघर्ष समिति