भाद्राजून से अभी 5 लाख लीटर का सहयोग
भाद्राजून में नर्मदा परियोजना के पंपिंग स्टेशन के अधीन जिस उच्च जलाशय का निर्माण कस्बे में आपूर्ति के लिए किया गया है। वहां से प्रतिदिन 50 से 70 पानी के विशाल टैंक रिफिल होने के साथ पाली जिले के विभिन्न गांवों तक पहुंच रहे हैं। यह सिलसिला अल सवेरे शुरु होता है जो शाम तक जारी रहता है। नर्मदा परियोजना के तहत निर्मित वाटर टैंक 14 मार्च 2022 से ही पाली जिले के विभिन्न गांव कस्बों में पानी की आपूर्ति हो रही है।
प्रति टैंक 20 हजार से 25 हजार लीटर पानी
जालोर के भाद्राजून से पाली जिले के गांव कस्बों में प्रतिदिन बड़े टैंकरों से नर्र्मदा जल की सप्लाई होती हैं। जानकारी के अनुसार जिसकी प्रति टैंकर लगभग 19.920 केएल से 29.142 केएल क्षमता हैं। जो प्रतिदिन सुबह 6 से शाम 6 बजे तक सप्लाई में लगे रहते हैं।
भाद्राजून में नर्मदा परियोजना के पंपिंग स्टेशन के अधीन जिस उच्च जलाशय का निर्माण कस्बे में आपूर्ति के लिए किया गया है। वहां से प्रतिदिन 50 से 70 पानी के विशाल टैंक रिफिल होने के साथ पाली जिले के विभिन्न गांवों तक पहुंच रहे हैं। यह सिलसिला अल सवेरे शुरु होता है जो शाम तक जारी रहता है। नर्मदा परियोजना के तहत निर्मित वाटर टैंक 14 मार्च 2022 से ही पाली जिले के विभिन्न गांव कस्बों में पानी की आपूर्ति हो रही है।
प्रति टैंक 20 हजार से 25 हजार लीटर पानी
जालोर के भाद्राजून से पाली जिले के गांव कस्बों में प्रतिदिन बड़े टैंकरों से नर्र्मदा जल की सप्लाई होती हैं। जानकारी के अनुसार जिसकी प्रति टैंकर लगभग 19.920 केएल से 29.142 केएल क्षमता हैं। जो प्रतिदिन सुबह 6 से शाम 6 बजे तक सप्लाई में लगे रहते हैं।
इन गांवों तक हो रही पानी की सप्लाई
पाली जिले के रोहट तहसील के दिवांगी, पुगतारी, लाम्बाड़ा, खुटाणी भीलों की ढाणी, गेलावास, पांचपदरीया, चेण्डा, राणा, देवाण, पासपदरिया भीलो की ढाणी, धींगाणा, कुलथाना, पांचपदरिया गांव, नया चेण्डा, भीण्डर, उमकली, बस्सी, सिराणा, रेवड़ा खुर्द, दिवांगी भाटों की ढाणी, दिवांगी मोमियो की ढाणी, विश्नोई ढाणी, मुडिया, तोरणिया मठ, केशवनगर, पटेलों की ढाणी, कुण्डली चारणान, राखाणा, अमृतिया नाडा, सरगरों की ढाणी उमकली, राणा भीलों की ढाणी, बोकानाड़ा राणा, सरदारपुरा ढाणी में यहां से पानी पहुंच रहा है।
पाली जिले के रोहट तहसील के दिवांगी, पुगतारी, लाम्बाड़ा, खुटाणी भीलों की ढाणी, गेलावास, पांचपदरीया, चेण्डा, राणा, देवाण, पासपदरिया भीलो की ढाणी, धींगाणा, कुलथाना, पांचपदरिया गांव, नया चेण्डा, भीण्डर, उमकली, बस्सी, सिराणा, रेवड़ा खुर्द, दिवांगी भाटों की ढाणी, दिवांगी मोमियो की ढाणी, विश्नोई ढाणी, मुडिया, तोरणिया मठ, केशवनगर, पटेलों की ढाणी, कुण्डली चारणान, राखाणा, अमृतिया नाडा, सरगरों की ढाणी उमकली, राणा भीलों की ढाणी, बोकानाड़ा राणा, सरदारपुरा ढाणी में यहां से पानी पहुंच रहा है।
जवाई कमांड क्षेत्र को मिलता है सिंचाई को पानी
जवाई बांध जवाई नदी पर स्थित है और इस बांध के पानी का नेचुरल फ्लो जालोर की तरफ है। अधिक बारिश के दौरान बांध से पानी छोडऩे पर अक्सर जालोर जिला बाढ़ की चपेट में आता है। जवाई कमांड की बात करें तो बांध में पानी उपलब्ध होने पर जिले के आहोर क्षेत्र के 22 गांव लाभान्वित होते हैं।
जवाई बांध जवाई नदी पर स्थित है और इस बांध के पानी का नेचुरल फ्लो जालोर की तरफ है। अधिक बारिश के दौरान बांध से पानी छोडऩे पर अक्सर जालोर जिला बाढ़ की चपेट में आता है। जवाई कमांड की बात करें तो बांध में पानी उपलब्ध होने पर जिले के आहोर क्षेत्र के 22 गांव लाभान्वित होते हैं।
पहली बार गुजरात से पानी का सफर पाली तक
गुजराज राज्य से सांचौर क्षेत्र के निकट नर्मदा केनाल से पानी पहुंच रहा है और उसके बाद 150 से 200 किमी के लंबे समय के बाद पानी पंपिंग से जालोर जिले के विभिन्न हिस्सों से पहुंच रहा है। उसके बाद यहां से पाली जिले के लगभग 30 से 70 किमी के दायरे में टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है। चूंकि जालोर जिला नर्मदा केनाल से ऊंचाई पर है। इसलिए तैतरोल, बागोड़ा, उम्मेदाबाद में पानी की पंपिंग होती है। इसी प्रोजेक्ट के तहत उम्मेदाबाद से आहोर क्षेत्र के भैंसवाड़ा और भाद्राजून के लिए सप्लाई होती है।
गुजराज राज्य से सांचौर क्षेत्र के निकट नर्मदा केनाल से पानी पहुंच रहा है और उसके बाद 150 से 200 किमी के लंबे समय के बाद पानी पंपिंग से जालोर जिले के विभिन्न हिस्सों से पहुंच रहा है। उसके बाद यहां से पाली जिले के लगभग 30 से 70 किमी के दायरे में टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है। चूंकि जालोर जिला नर्मदा केनाल से ऊंचाई पर है। इसलिए तैतरोल, बागोड़ा, उम्मेदाबाद में पानी की पंपिंग होती है। इसी प्रोजेक्ट के तहत उम्मेदाबाद से आहोर क्षेत्र के भैंसवाड़ा और भाद्राजून के लिए सप्लाई होती है।
और शुरु हो गई सहायता
जल संकट की स्थिति में एडीशन चीफ इंजीनियर जलदाय विभाग ने पाली जिले के जल संकट की स्थिति को देखते हुए 5 लाख लीटर भाद्राजून से 5 लाख लीटर पानी भैंसवाड़ा से प्रभावित गांवों तक पहुंचाने के बारे मे सुझाव दिया था। अकाल की इस घड़ी में अभी 5 लाख लीटर पानी का सहयोग शुरु है और कुछ मात्रा अभी और बढ़ाई जाएगी।
जल संकट की स्थिति में एडीशन चीफ इंजीनियर जलदाय विभाग ने पाली जिले के जल संकट की स्थिति को देखते हुए 5 लाख लीटर भाद्राजून से 5 लाख लीटर पानी भैंसवाड़ा से प्रभावित गांवों तक पहुंचाने के बारे मे सुझाव दिया था। अकाल की इस घड़ी में अभी 5 लाख लीटर पानी का सहयोग शुरु है और कुछ मात्रा अभी और बढ़ाई जाएगी।