दीपावली से पहले खरीदारी के लिए यह बन रहा उत्तम संयोग
जालोरPublished: Oct 20, 2019 10:24:15 am
पुष्यामृत योग सोमवार शाम 5.33 से शुरू होकर मंगलवार को शाम 4.39 तक रहेगा। बाजार में रहेगी रोनक
पुष्यामृत योग सोमवार शाम 5.33 से शुरू होकर मंगलवार को शाम 4.39 तक रहेगा। बाजार में रहेगी रोनक
भीनमाल. इस बार पुष्पामृत योग दो दिन तक रहेगा। पुष्यामृत सोमवार शाम 5.33 से शुरू होकर मंगलवार को शाम 4.39 तक रहेगा। इन दौरान बाजार में धन वर्षा होने की उम्मीद है। ज्योतिष के मुताबिक यह नक्षत्र में खरीदारी व निवेश के लिए अत्यधिक शुभ रहता है। श्रीदर्शन पंचांगकर्ता शास्त्री प्रवीण त्रिवेदी के मुताबिक वैसे तो शुभ कार्य के लिए अलग-अलग मुुहूर्त होते है, लेकिन कुछ मुहूर्त हर कार्य के लिए विशेष होते है। इन्हीं में से एक पुष्य नक्षत्र है। पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति माने गए हैं और शनि को इस नक्षत्र का दिशा प्रतिनिधि माना जाता हैं। चूंकि बृहस्पति शुभता, बुद्धिमता व ज्ञान का प्रतीक हैं, शनि स्थायित्व का, इसलिए इन दोनों का योग मिलकर पुष्य नक्षत्र को शुभ व चिर स्थायी बना देता हैं। पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। ऋगवेद में पुष्य नक्षत्र को मंगलकर्ता भी कहा जाता हैं। इस वजह ही पुष्य नक्षत्र को खरीदने के लिए विशेष मुहूर्त माना जाता हैं, क्योंकि यह नक्षत्र स्थायी माना जाता है। पुष्य नक्षत्र स्वास्थ्य व सेहत की दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता हैं। पुष्य नक्षत्र पर शुभ ग्रहों का प्रभाव होने पर यह सेहत संबंधी कई समस्याओं को समाप्त करने में सक्षम हैं। त्रिवेदी ने बताया कि इस दिन मुहूर्त में भवन, भूमि, वाहन व आभूषण सहित अन्य खरीदारी करना श्रेष्ठ होता है। इस योग में खरीदी गई वस्तुएं लंबे समय तक चलती है व शुभ फल प्रदान करती है। इस दिन सोने से निर्मित आभूषण खरीदने से देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। पुष्य नक्षत्र में चांदी या इससे निर्मित आभूषण खरीदने से लंबे समय तक उपयोग में आते हैं। इनकी खरीद करने से घर में बरकत भी बनी रहती है। इस दिन पन्ना, हीरा, पुखराज, नीलम, मोती आदि रत्न खरीदने से भविष्य में लाभ प्रदान करते है। इस योग में दो व चार पहिया वाहन खरीदे जा सकते हैं। इस योग में मकान व प्लॉट खरीदना भी शुभ होता हैं। इस योग में बर्तनों की खरीद करना भी शुभ होता हैं। धन निवेश करने के लिए भी पुष्य नक्षत्र का दिन शुभ है।
शुभ समय यह रहेगा
सोमवार को
शाम 5.33 से 6.09 अमृत वेला
6.09 से 7.43 चर वेला
मंगलवार को
सुबह 09.33 से 10.59 चर वेला
10.59 से 12.25 लाभ वेला
12.25 से दोपहर 1.51 अमृत वेला
3.16 से 4.42 शुभ वेला
7.42 से 9.16 लाभ वेला