१० घंटे की मशक्कत से दो क्रेन व एक जेसीबी से हाइवे से हटाए ट्रक
इस घटनाक्रम के बाद दोनों जले ट्रक हाइवे पर ही पड़े रहे। दिनभर की मशक्कत के बाद करीब 10 घंटे के इंतजार के बाद क्रेन की सहायता से दोनों वाहनों को हाइवे से हटाया जा सका। इधर, पूरे घटनाक्रम के दौरान हाईवे ऑथारिटी की ओर से कोई गाड़ी व क्रेन नहीं पहुंची। जिस पर स्थानीय पुलिस नेे दो क्रेन व जेसीबी की सहायता से 10 घंटे की मशक्कत के बाद जले वाहनों को हटवाया।
इस घटनाक्रम के बाद दोनों जले ट्रक हाइवे पर ही पड़े रहे। दिनभर की मशक्कत के बाद करीब 10 घंटे के इंतजार के बाद क्रेन की सहायता से दोनों वाहनों को हाइवे से हटाया जा सका। इधर, पूरे घटनाक्रम के दौरान हाईवे ऑथारिटी की ओर से कोई गाड़ी व क्रेन नहीं पहुंची। जिस पर स्थानीय पुलिस नेे दो क्रेन व जेसीबी की सहायता से 10 घंटे की मशक्कत के बाद जले वाहनों को हटवाया।
मृतक के पैर गाड़ी में ही फंसे
हादसे के दौरान चालक मनीष के पैर ट्रक में ही फंस गए और वहीं जलने से उसकी मौत हो गई। मृतक के पैर गाड़ी में फंसे हुए थे और शव नीचे की ओर लटक रहा था। फायर ब्रिगेड द्वारा आग बुझाने के दौरान मृतक युवक को बाहर निकालने के प्रयास किए तो पैर गाड़ी के अन्दर फंसे रह गएए और शरीर का बाकी हिस्सा अलग हो गया। जिसके बाद शव को राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की मोर्चरी में रखवाया गया। वहीं गाड़ी में फंसे पैरो को बाद में बाहर निकालकर शव के साथ भिजवाया गया।
हादसे के दौरान चालक मनीष के पैर ट्रक में ही फंस गए और वहीं जलने से उसकी मौत हो गई। मृतक के पैर गाड़ी में फंसे हुए थे और शव नीचे की ओर लटक रहा था। फायर ब्रिगेड द्वारा आग बुझाने के दौरान मृतक युवक को बाहर निकालने के प्रयास किए तो पैर गाड़ी के अन्दर फंसे रह गएए और शरीर का बाकी हिस्सा अलग हो गया। जिसके बाद शव को राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की मोर्चरी में रखवाया गया। वहीं गाड़ी में फंसे पैरो को बाद में बाहर निकालकर शव के साथ भिजवाया गया।
मृतक मोरबी में होटल पर नौकरी करता था भाई के साथ घर जा रहा था
सब्जी की गाड़ी में सवार मृतक मनीष मोरबी में होटल पर नौकरी करता था। बड़े भाई देराराम के साथ गांव जा ररहा था। इस दौरान अचानक हुए हादसे ने उसको मौत की नींद सुला दिया।
सब्जी की गाड़ी में सवार मृतक मनीष मोरबी में होटल पर नौकरी करता था। बड़े भाई देराराम के साथ गांव जा ररहा था। इस दौरान अचानक हुए हादसे ने उसको मौत की नींद सुला दिया।
मौत का कारण बन रहा हाइवे नहीं जागे नेता
नेशनल हाइवे की बदतर हालत हादसे का कारण बन रही है। यह सिलसिला अभी तक जारी है और उस पर लगाम नहीं लग रही। क्षतिग्रस्त नेशनल हाइवे के नवीनीकरण के लिए ग्रामीणों ने कई बार लिखित व मौखित रूप से शिकायत पेश की, लेकिन उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा। यह मार्ग एक तरफ गुजरात राज्य तो दूसरी तरफ बाड़मेर जिले तक को जोड़ता है। सांसद पटेल से भी स्थानीय लोग गई बार इस मार्ग के नवीनीकरण की मांग कर चुके हैं, लेकिन हालात जस के तस है।
नेशनल हाइवे की बदतर हालत हादसे का कारण बन रही है। यह सिलसिला अभी तक जारी है और उस पर लगाम नहीं लग रही। क्षतिग्रस्त नेशनल हाइवे के नवीनीकरण के लिए ग्रामीणों ने कई बार लिखित व मौखित रूप से शिकायत पेश की, लेकिन उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा। यह मार्ग एक तरफ गुजरात राज्य तो दूसरी तरफ बाड़मेर जिले तक को जोड़ता है। सांसद पटेल से भी स्थानीय लोग गई बार इस मार्ग के नवीनीकरण की मांग कर चुके हैं, लेकिन हालात जस के तस है।
केनाल पार करते ही संकरा मार्ग और गड्ढे
हादसे वाले क्षेत्र के निकट मीठीबेरी के पास नर्मदा केनाल है, जहां पर सडक़ चौड़ी है और डिवाइडर है। जिसको पार करते ही मार्ग संकरा हो जाता है और उसके मुहाने पर मार्ग भी क्षतिग्रस्त है। जिससे अक्सर वाहन चालक परेशान होते हैं। संभवत: इस हादसे भी इसी तरह की स्थिति बनी।
हादसे वाले क्षेत्र के निकट मीठीबेरी के पास नर्मदा केनाल है, जहां पर सडक़ चौड़ी है और डिवाइडर है। जिसको पार करते ही मार्ग संकरा हो जाता है और उसके मुहाने पर मार्ग भी क्षतिग्रस्त है। जिससे अक्सर वाहन चालक परेशान होते हैं। संभवत: इस हादसे भी इसी तरह की स्थिति बनी।