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सीमा क्षेत्रों में टिड्डी दल के हमले का अंदेशा, जारी किया हाइ अलर्ट

locationजालोरPublished: Jun 13, 2019 01:11:49 pm

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

www.patrika.com/rajasthan.news

jalore tiddi

सीमा क्षेत्रों में टिड्डी दल के हमले का अंदेशा, जारी किया हाइ अलर्ट

चक्रवात के मद्देनजर टिड्डी हमले की जताई संभावना, भारत-पाक सीमा पर तैनात की टिड्डी नियंत्रण टीम

जालोर. पाक सीमा से सटे जिलों में टिड्डी दल के हमले का अंदेशा बना हुआ है।सीमावर्ती क्षेत्रों में चक्रवात के मददेनजर इसका प्रकोप हो सकता है।लिहाजा हाइ अलर्ट जारी किया गया है।बताया जा रहा है कि अभी तक सर्वेक्षण के दौरान टिड्डी दल का प्रकोप नहीं देखा गया है, लेकिन एहतियात के तौर पर केंद्र सरकार की ओर से राज्यों में जिला प्रशासन को टिडडी संभावित क्षेत्रों में हाइ अलर्ट जारी कर दिया है।
अधिकारी बताते हैं कि राजस्थान में पाक सीमा से सटे इलाकों में सतत निगरानी रखी जा रही है।टिड्डी से प्रभावित होने वाले क्षेत्र जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, फलोदी, बीकानेर आदि जगहों पर निगरानी एवं नियंत्रण के लिएटीम तैनात कर दी गई है। इसकी निगरानी वृहद तौर पर की जा रही है तथा अधिकारी लगातार निगरानी रखे हुए हैं। कृषि एवं खाद्य संगठन, रोम की ओर से भी इस सम्बंध में एडवायजरी जारी की गई है।इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में चक्रवात के मद्देनजरटिड्डी दल के प्रकोप की संभावना जताई गई है।

निगरानी को बाहर से बुलाए दल
निगरानी एवं नियंत्रण के लिए वनस्पति संरक्षण संगरोध एवं संग्रह निदेशालय फरीदाबाद के अन्य संभागलखनऊ, गोरखपुर, आगरा एवं वनस्पति संगरोध संभाग गुवाहाटी, फरीदाबाद से टीमें बुलाई गई है। प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को प्रशिक्षण एवं टिड्डी सम्बंधित साहित्य के माध्यम से जागरूकता जगाई जा रही है। लगातार सर्वेक्षण किए जा रहे हंै।

खतरनाक है रेगिस्तानी टिड्डी
अधिकारी बताते हैं कि टिड्डियों की प्रमुख रूप से दस प्रजातियां पाई जाती है।भारत मेंचार प्रकार की रेगिस्तानी टिड्डी,बम्बइया टिड्डी, प्रवासी टिड्डी एवं वृक्ष टिड्डी ही पाई जाती है। इनमें से रेगिस्तानी टिडडी सबसे ज्यादा हानिकारक व खतरनाक मानी गई है।
दिखने पर तत्काल सूचना देने की सलाह
अधिकारियों ने टिड्डी दल दिखने या सूचना मिलने पर तत्काल ही टिड्डी मंडल कार्यालय, जालोर की ओर सेगठित कंट्रोल रूम को सूचना देने की सलाह दी है। दूरभाष संख्या 02973-223478 पर सूचित करे या अपने नजदीकीकृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, तहसीलदार अथवा राजस्व विभाग के अधिकरियों को भी सूचित कर सकते हैं।इससे सही समय पर टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर नियंत्रण किया जा सकेगा। एंड्रॉयड मोबाइल फोन से टिड्डी व फाका के बारे में सचित्र वाट्सएप नंबर 946 12946 72, 8 0038 8 96 8 1 व 7597235022 पर भी दी जा सकती है।

ताकि नियंत्रण कर सके…
जालोर जिले में सर्वे के दौरान मरुस्थलीय टिड्डी दल की उपस्थिति अभी तक दर्ज नहीं हुई है। इसके लिए सर्वेक्षण टीम के अधिकारी लगातार सर्वेक्षण भी कर रहे हैं।निकटतम जिला जैसलमेर में टिड्डी कंट्रोल के मद्देनजर मानसून आने पर टिड्डी का प्रजनन तेजी से बढऩे की आशंका है। कृषकों से भी आग्रह है कि इसकी सूचना सही समय पर दे, ताकि समय पर नियंत्रण किया जा सके।
बलराम मीणा, सहायक निदेशक, टिड्डी मंडल कार्यालय, जालोर
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