सेना ने रोका और पिटाई तक की
गौरव ने पत्रिका को बताया कि दो दिन तक रोमानिया की सीमा पर उन्हें यूक्रेन की सेना ने रोके रखा। गौरव ने बताया कि सेना चाह रही थी कि भारतीय स्टूडेंट्स किसी भी हालत में रुके रहे। सही मायने में वे सेना हमें रूस की सेना के सामने ढाल के रूप में ही उपयोग लेना चाह रही थी। उन्हें विश्वास था कि स्टूडेंट्स पर रुसी सेना हमला न हीं करेगी। इस स्थिति में जब हम रोमानिया की सीमा की तरफ बढ़े तो यूक्रेनी सेना के जवानों ने उन्हें रोमानिया की तरफ से बढऩे से न केवल रोका, बल्कि कुछ स्टूडेंट्स से धक्का मुक्की और पिटाई तक कर डाली। हालांकि सीमा पर दो दिन की मशक्कत के बाद आखिरकार रोमानिया में प्रवेश मिला।
गौरव ने पत्रिका को बताया कि दो दिन तक रोमानिया की सीमा पर उन्हें यूक्रेन की सेना ने रोके रखा। गौरव ने बताया कि सेना चाह रही थी कि भारतीय स्टूडेंट्स किसी भी हालत में रुके रहे। सही मायने में वे सेना हमें रूस की सेना के सामने ढाल के रूप में ही उपयोग लेना चाह रही थी। उन्हें विश्वास था कि स्टूडेंट्स पर रुसी सेना हमला न हीं करेगी। इस स्थिति में जब हम रोमानिया की सीमा की तरफ बढ़े तो यूक्रेनी सेना के जवानों ने उन्हें रोमानिया की तरफ से बढऩे से न केवल रोका, बल्कि कुछ स्टूडेंट्स से धक्का मुक्की और पिटाई तक कर डाली। हालांकि सीमा पर दो दिन की मशक्कत के बाद आखिरकार रोमानिया में प्रवेश मिला।
रोमानिया कैंप में अच्छा माहौल मिला
गौरव ने बताया कि धक्का मुक्की के बाद दो दिन की मशक्कत के बाद रोमानिया में प्रवेश मिला तो वहां कैंप लगाए गए थे। जहां प्रवेश होते हीं सेना की तरफ से अच्छा व्यवहार किया गया। भोजन पानी का प्रबंध भी था और आखिर में उन्हें विशेष विमान सेवा से भारत भेज दिया गया।
गौरव ने बताया कि धक्का मुक्की के बाद दो दिन की मशक्कत के बाद रोमानिया में प्रवेश मिला तो वहां कैंप लगाए गए थे। जहां प्रवेश होते हीं सेना की तरफ से अच्छा व्यवहार किया गया। भोजन पानी का प्रबंध भी था और आखिर में उन्हें विशेष विमान सेवा से भारत भेज दिया गया।
मुंबई होते हुए जयपुर पहुंचे स्टूडेंट्स
जालोर. यूक्रेन -रूस युद्ध के बीच गुरूवार प्रात: बुखारेस्ट से 183 भारतीयों को लेकर फ़्लाइट मुंबई पहुंची इसमें राजस्थान के 11 विद्यार्थी शामिल थे। इन छात्रों में जालोर, झुंझुनू, कोटा, दौसा , रावतभाटा, हनुमानगढ़ , चुरू, बाड़मेर व चित्तौडगढ़़ के विद्यार्थी मुंबई पहुंचे। आयुक्त राजस्थान फ़ाउंडेशन एवं राज्य नोडल अधिकारी धीरज श्रीवास्तव के निर्देशन में राजस्थान भवन के अधिकारी मनोज तिवारी और सौरभ सिन्हा ने इन्हें रिसीव किया। इसके बाद राजस्थान के युवाओं को विशेष सेवा से जयपुर भेजा गया।
जालोर. यूक्रेन -रूस युद्ध के बीच गुरूवार प्रात: बुखारेस्ट से 183 भारतीयों को लेकर फ़्लाइट मुंबई पहुंची इसमें राजस्थान के 11 विद्यार्थी शामिल थे। इन छात्रों में जालोर, झुंझुनू, कोटा, दौसा , रावतभाटा, हनुमानगढ़ , चुरू, बाड़मेर व चित्तौडगढ़़ के विद्यार्थी मुंबई पहुंचे। आयुक्त राजस्थान फ़ाउंडेशन एवं राज्य नोडल अधिकारी धीरज श्रीवास्तव के निर्देशन में राजस्थान भवन के अधिकारी मनोज तिवारी और सौरभ सिन्हा ने इन्हें रिसीव किया। इसके बाद राजस्थान के युवाओं को विशेष सेवा से जयपुर भेजा गया।