गौरतलब है कि बीते मानसून में जिले के अधिकतर इलाकों में बारिश न के बराबर हुई है। ऐसे में सेठ साहुकारों व बैंकों से ऋण लेकर खेतों में बुवाई करने वाले किसानों को अब कर्ज चुकाने की चिंता खाए जा रही है। इसके तहत किसान अनुदान और ऋण माफी की मांग करने लगे हैं। अगर उन्हें अनुदान और ऋण माफी की सहायता नहीं की जाती है तो उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ेगी।