खुदाई संभव नहीं इसलिए 70 हैंडपम्प वापस लौटाने की तैयारी
जालोरPublished: May 08, 2018 11:13:38 am
– भीनमाल-बागोड़ा क्षेत्र में 500 से 700 फीट पर पहुंचा जल स्तर
Water levels reach 500 to 700 feet in Bhanmal-Bagoda area
तुलसाराम माली
भीनमाल. क्षेत्र में साल-दर साल गहराते भूजल से भूमिगत जल स्तर रसातल में पहुंच रहा है। भूमिगत जल स्तर रसातल में पहुंचने से भीनमाल व बागोड़ा क्षेत्र में पानी दोहन का पुराना साधन हैण्डपंप अब फिजिबल नहीं रहे है। ऐसे में जलदाय विभाग को दूर-देेहाती ढाणियों में ग्रामीणों के लिए पेजयल का बंदोबस्त करना भी चुनौती बन रहा है। हाल ही में सरकार की ओर से स्वीकृत 100 हैण्डपंप में से 70 हैण्डपंप विभाग ने वापस लौटाने की तैयारी की है।
अधिकारियों के मुताबिक हैण्डपंप से दूर-देहाती ढाणियों में बिना किसी संसाधनों से पानी का दोहन कर सकते हैं, लेकिन भीमनाल व बागोड़ा क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर 500-700 फीट गहरा हो गया है। ऐसे में हैण्डपंप से पानी का दोहन नहीं हो सकता। असल में सरकार की ओर से इस बजट सत्र में हर विधानसभा क्षेत्र से 100 हैण्डपंप स्वीकृत किए हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में हैण्डपंप से पेयजल प्रबंधन के लिए एक करोड़ रुपए बजट स्वीकृत किया गया है, लेकिन भीनमाल व बागोड़ा क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर नीचेे होने, पानी में खारापन व टीडीएस की मात्रा अधिक होने से हैण्डपंप फिजिबल नहीं है। भीनमाल व बागोड़ा क्षेत्र के कई गांवों में पानी में टीडीएस व फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित मानक से कई गुणा अधिक है। ऐसे में इन पानी का सेवन भी लोगों के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव छोड़ रहा है। जलदाय विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि जसवंतपुरा व रानीवाड़ा तहसील के आधे गांवों में हैण्डपंप फिजिबल है। भीनमाल विधानसभा क्षेत्र के गांवों में 70 हैण्डपंप की बजाए अन्य पेयजल के स्रोत विकसित किए जाएंगे।
60 मीटर से दोहन
पानी दोहन के पुराने साधन हैण्डपंप से 6 0 मीटर की गहराई से पानी का दोहन हो सकता है, लेकिन भीनमाल व बागोड़ा क्षेत्र के अधिकांश गांवों में भूजल स्तर 500-700 फीट गहराई में पहुंच गया है। इसके अलावा रानीवाड़ा तहसील के भी आधेे गांवों में भूजल स्तर 500 फीट तक पहुंच गया है। ऐसे में क्षेत्र के अधिकांश गांवों में हैण्डपंप अब फिजिबल नहीं है। रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत 100 हैण्डपंप में से 8 8 फिजिबल पाए है।
पानी में खारापन व टीडीएस की मात्रा कई गुणा
क्षेत्र के अधिकांश गांवों के ग्रामीण भूमिगत जल स्तर रसातल में पहुंचने से पानी में खारापन व फ्लोराइड का दंश भी झेल रहे हंै। भूजल में टीडीएस व खारापन की मात्रा भी निर्धारित मानकों से कई गुणा अधिक पहुंच गई है। जलदाय विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पानी में टीडीएस की मात्रा 500-1000 पीपीएम तक होनी चाहिए। जबकि क्षेत्र के अधिकांश गांवों में टीडीएस की मात्रा 4500-5000 पीपीएम के बीच पहुंच गई है। वहीं भूजल में फ्लोराइड की मात्रा भी 5-6 पीपीएमम तक पहुंच गई। अधिकारियों के मुताबिक पानी में अधिक फ्लाराइड के लिए डी-फ्लोराइजेशन संयंत्र लगाए जा सकते हैं, लेकिन टीडीएस व भूजल में खारापन अधिक होनेे से हैण्डपंप से पानी का दोहन संभव नहीं है।
सोलर पंप या अन्य स्रोत बनाएंगे…
हैण्डपंप से 6 0 मीटर गहराई से पानी का दोहन होता है। भीनमाल व बागोड़ा क्षेत्र में भूजल स्तर अधिक नीचे है। इसके अलावा पानी में खारापन, टीडीएस व फ्लोराइड की मात्रा भी अधिक है। ऐेसे में अब हैण्डपंप अब फिजिबल नहीं है।
-डीसी डांगी, अधिशाषी अभियंता, जलदाय विभाग, भीनमाल