जेट स्ट्रीम पश्चिमी से पूर्व की तरफ चलने वाली एक व्यापारिक पवन है जो वर्षभर ऊपरी हवाओं में चलती रहती है। सर्दियों को छोड़कर पूरे साल यह हिमालय के ऊपर यानी 35 से 40 डिग्री उत्तरी अक्षांश से गुजरती है। सर्दियों में यह 25 से 30 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर आती है जिसकी वजह से सर्दियाें के मौसम में उत्तरी भारत रबी की फसलों के लिए बारिश होती है। इस बार जेट स्ट्रीम नीचे के अक्षांशों में ही बनी हुई है जिस कारण पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय व ताकतवर बने हुए हैं।
मार्च में नीचे आ गई जेट स्ट्रीम
जेट स्ट्रीम मार्च से लेकर अब तक राजस्थान के ऊपर से गुजर रही है जिसके कारण मेघगर्जना व तूफानी मौसम बार-बार बन रहे हैं। सामान्यत: एक महीने में 2 से 3 पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, जबकि मार्च में 6, अप्रेल में 5 और मई महीने में 6 विक्षोभ आ चुके हैं।
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ग्लोबल एयर सर्कुलेशन बदलने से गर्मियों में तूफानी मौसम बन रहे हैं। जेट स्ट्रीम के सामान्य िस्थति में नहीं रहना भी एक कारण है। – आरएस शर्मा, निदेशक, भारतीय मौसम विभाग जयपुर जेट स्ट्रीम भी एक कारण हो सकता है क्योंकि सामान्यत: विक्षोभ कमजोर रहकर ऊपर से निकल जाते हैं। इस बाद अरब सागर से नमी लेकर तूफानी मौसम पैदा कर रहे हैं।
– डॉ डीवी सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, काजरी जोधपुर