संदेह होने पर खुला पालना गृह
पालना गृह की प्रभारी ने बताया कि वे सुबह नौ बजे ड्यूटी पर आई थीं। कुर्सी पर बैठते ही संदेह हुआ कि पालना गृह में कोई है। दरवाजा खोला तो अंदर नवजात दिखी। इस पर तत्काल ही उसे वार्ड में ले जाया गया।
आठ से नौ बजे के बीच रखा
बताया जा रहा है कि सुबह सफाई के दौरान राउंड लगाने वाला कार्मिक इस पालना गृह को एक नजर देखता है। गुरुवार सुबह आठ बजे भी ऐसा ही हुआ, लेकिन उस समय पालने में कोई शिशु नहीं था। ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि आठ व नौ बजे के बीच कोई नवजात को रखकर गया होगा।
बांध कर नहीं रखी थी नाल
शिशुरोग विभाग प्रभारी ने बताया कि नवजात का जन्म समय से पूर्व होना ज्ञात हो रहा है। इसका वजन पौने दो किलो के आसपास था। प्रथमदृष्टया जांच में यह सामने आया है कि नाल काटने के बाद क्लीप या धागे से बांधा नहीं था। लिहाजा प्रसव संस्थागत नहीं होकर घर पर करवाया गया हो सकता है।
अभी कारण स्पष्ट नहीं है…
नवजात की मौत के बारे में अभी स्पष्ट रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता। प्रथमदृष्टया नाल नहीं बांधे जाने से ज्यादा खून बहने, लंग्स नहीं खुलने से सांस नहीं लेने, समय से पहले प्रसव करवाना आदि उसकी मौत के प्रमुख कारण हो सकते हैं। फिलवक्त पोस्टमार्टम करवाया है तथा पुलिस भी जांच कर रही है।
– डॉ. मुकेशकुमार चौधरी, शिशुरोग विशेषज्ञ, जालोर