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बागी पीडीपी विधायकों और भाजपा ने की महबूबा के धमकी वाले बयान की निंदा,यूं किया महबूबा पर जबानी हमला!

locationजम्मूPublished: Jul 14, 2018 06:29:55 pm

Submitted by:

Prateek

महबूबा मुफ्ती के बयान के बाद से राजनीतिक पारा चढ गया है…

mahbuba file photo

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योगेश कुमार की रिपोर्ट…

(जम्मू): पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के शुक्रवार के बयान पर पार्टी के बागी नेताओं और भाजपा ने एक सुर में निंदा की है। महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार और भाजपा पर पीडीपी को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर ऐसा हुआ तो परिणाम 1987 से भी भयानक होंगे। भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने जो कहा वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्‍होंने कहा, ‘दिल्ली में कोई भी उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रहा। अपने आंतरिक विवादों को सुलझाने की बजाय वे दिल्ली पर आरोप लगा रहीं हैं और आतंकवाद के नाम पर धमका रहीं हैं। जहां तक भाजपा की बात है तो हम किसी भी पार्टी को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।’


गठबंधन टूटने के बाद से बिगड़े हालात

राम माधव ने कहा कि जहां तक सलाउद्दीन के नाम पर धमकी देने की बात है तो केंद्र सरकार और सुरक्षा बल घाटी के सारे आतंकवादियों के खात्मे में सक्षम हैं। राम माधव ने तंज कसते हुए कहा कि उनके खात्मे में भी सक्षम हैं जो महबूबा की वजह से आतंकवाद का रास्ता अपना सकते हैं। इससे पहले भाजपा ने 18 जून को पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। उसके बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है और महबूबा की पार्टी में उनके नेतृत्व के खिलाफ बगावत उभर रही है। कहा जा रहा है कि पीडीपी के करीब 14 विधायक भाजपा के साथ लगातार संपर्क में हैं।


पीडीपी के बागी नेताओं में महबूबा के खिलाफ गुस्सा

पूर्व मंत्री इमरान रजा अंसारी के नेतृत्व में पीडीपी के बागी विधायकों ने पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह ब्लैकमेल और भावनाओं के शोषण की सियासत बंद करें। उन्होंने कहा कि महबूबा का यह कहना कि पीडीपी के विघटन से कश्मीर में आतंकी हिंसा तेज होगी, निंदाजनक है। उन्होंने अपने बयानों से यहां सभी विधायकों की विश्वसनीयता और जनता में उनकी स्वीकार्यता पर सवालिया निशान लगा दिया है। इमरान रजा अंसारी ने कहा कि महबूबा जिस तरह से पीडीपी के टूटने पर यासीन मलिक और सलाहुद्दीन के दोबारा पैदा होने की धमकी दे रही हैं, उससे उनकी हताशा प्रकट होती है। उन्‍होंने कहा कि कश्मीर मसला तब तक हल नहीं होगा जब तक यहां खानदानी सियासत चलेगी। हमारा जमीर जाग उठा है और हम मुफ्ती और अब्दुल्ला खानदान की सियासत के खिलाफ हैं।


दो दिन पहले बांडीपोर जिला पीडीपी इकाई के अध्यक्ष पद से हटाए गए एमएलसी यासिर रेशी ने कहा कि पीडीपी किसी भी तरह से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी नहीं रह गई है। यह परिवार डेवलेपमेंट पार्टी बन गई है। महबूबा मुंबई से अपने सिनमेटोग्राफर भाई को यहां बुलाकर एमएलसी बनाती हैं और फिर उन्हें कैबिनेट में मंत्री बनाकर लोगों पर थोप देती हैं। यह कौन सा लोकतंत्र है। बारामुला के विधायक जावेद हुसैन बेग ने कहा कि महबूबा का यह कहना कि दिल्ली पीडीपी को तोड़ रही है, सरासर गलत है। कोई बाहरी ताकत पीडीपी को नहीं तोड़ रही है बल्कि महबूबा खुद और उनके चाटुकार पीडीपी को तोड़ रहे हैं।

 

 

भाजपा नेताओं ने किया वार

वही प्रदेश भाजपा ने कहा कि कश्मीर में सईद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक पैदा होने के महूबबा मुफ्ती के बयान कश्मीर की दोगली राजनीति का हिस्सा है। कुर्सी जाते ही देश के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर देना कश्मीर केंद्रित पार्टियों की राजनीति का हिस्सा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व एमएलसी अशोक खजूरिया ने कहा कि जो हिंदुस्‍तान के खिलाफ बोलेगा, उसे नही बख्शेंगे। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। ऐसी बयानबाजी बर्दाश्त नहीं होगी। ठीक इसी तरह कुर्सी जाने के बाद फारूक अब्दुल्ला भी देश के खिलाफ मोर्चा खोल देते थे। केंद्र सरकार पर भाजपा को तोड़ने की कोशिशें करने संबंधी महबूबा के बयान पर सांसद शमशेर सिंह ने कहा कि ऐसी बयानबाजी कुर्सी जाने के बाद की हताशा का परिणाम है। भाजपा बांटने की राजनीति में विश्वास नही रखती है। कश्मीर के नब्बे प्रतिशत लोग शांति चाहते हैं व वे हालात खराब करने की कोशिशें करने वालों का अपना दुश्मन मानते हैं। इससे पहले भाजपा सांसद ने कहा कि भाजपा ने तीन सालों के दौरान राज्य में विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापक कदम उठाए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा ने लोगों के फैसले का सम्मान करते हुए पीडीपी के साथ सरकार बनाई थी। लोगों की खातिर पार्टी ने कुर्सी छोड़ दी। वहीं अशोक खजूरिया ने कहा कि भाजपा-पीडीपी सरकार मजबूरियों की सरकार थी, इस सरकार को गिराकर स्पष्ट संदेश दिए गया कि सत्ता नही सिद्धांत भाजपा के लिए अहम हैं।

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