इस मामले से जुड़ी याचिका पर कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। हाईकोर्ट ने मालिकों को जम्मू कश्मीर सिनेमा रेगुलेशन रूल 1975 को सख्ती से लागू करने और इसे मानने को भी कहा। जस्टिस ताछी रबस्टन और संजय गुप्ता वाली खंडपीठ ने मामले से जुड़ी दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया। एडवोकेट आदित्य शर्मा ने अपीलकर्ता, सरकार की तरफ से सीनियर एएजी एचए सिद्दीकी और सिनेमा मालिकों की तरफ से एडवोकेट रमन शर्मा और वाईई टाक ने दलीलें पेश कीं।
कोर्ट को बताया गया कि सिनेमाघर में घुसने पर तलाशी ली जाती है। यदि कोई खानपान का सामान हो तो उसे जब्त कर लिया जाता है। सिनेमा मालिकों के अपने ही बनाए नियम है। अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो वह जंक फूड नहीं खा सकता। इसलिए वह अपने घर से पौष्टिक खाना लाता है, लेकिन सिनेमा वाले उसे अंदर नहीं जाने देते। कोर्ट ने एक अन्य आदेश जारी कर सभी जिला उपायुक्तों से कहा कि वह अपने-अपने क्षेत्र में सिनेमा मालिकों से हाल में पॉलीथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने को भी कहें। जिला उपायुक्तों को यह भी कहा गया है कि सिनेमाघरों में बिकने वाले टिकटों में भी समानता होनी चाहिए। सिनेमाघरों में शाम 3 बजे के बाद के शो में 5 से 18 साल तक के युवाओं को जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। हालांकि रविवार और छुट्टी वाले दिन युवा जा सकते हैं।
नियम न मानने वालों पर होगी यह सख्त कार्रवाई
हाईकोर्ट ने जिला उपायुक्तों को कहा कि वह इन बातों को सख्ती से लागू कराएं। यदि कोई सिनेमा मालिक इन आदेशों को नहीं मानता है, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दो। सख्त से सख्त कार्रवाई करो। जिला उपायुक्तों को इन आदेशों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है।