तीन बच्चों का पिता था आतंकी
लियाकत इसी साल आठ जुलाई को अचानक अपने घर से लापता हो गया था। तीन बच्चों का बाप लियाकत जब घर से निकला, तो किसी को गुमान नहीं था कि वह आतंकी बन गया है। हालांकि इलाके में उसके आतंकी बनने की चर्चा थी, लेकिन किसी के पास कोई सुबूत नहीं था।
घर वालों की उम्मीदों पर छाया मातम
पुलिस भी उसे जगह-जगह तलाश रही थी। घरवाले एक ही उम्मीद में थे कि बहन की शादी पर लियाकत कहीं भी होगा, घर जरूर आएगा। क्योंकि वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता था। मंगलवार को उसकी बहन की शादी थी। दोपहर बाद घर में बारात आनी थी और उसके बाद लियाकत की बहन को अपनी ससुराल रुखसत होना था। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। बारातियों के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं। अचानक एक फोन आया और फिर शादी के गीत बंद हो गए। खुशियां मातम में बदल गई, क्योंकि लियाकत गलूरा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा जा चुका था।
परिजन शव लेने के लिए रवाना
खानदान के कुछ बुजुर्ग और नौजवान सदस्य लियाकत का शव लेने हंदवाड़ा के लिए रवाना हो गए। परिजन सिर्फ इतना ही कह पाए कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह बंदूक का रास्ता चुनेगा। काश, उसने यह रास्ता न चुना होता तो आज उसकी अर्थी को कंधा नहीं दिया जा रहा होता, उसकी बहन की शादी में मातम नहीं होता, वह अपनी बहन को डोली में बैठा रहा होता।