अधिकारियों ने बताया कि पहला जत्था रविवार तड़के गांदरबल में बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना होगा और बाद में कड़ी सुरक्षा के बीच वाहनों के एक बेड़े में कश्मीर के अनंतनाग ( Anantnag ) जिले के पहलगाम बेस कैंप पहुंचेगा। तीस जून को रवाना होने वाले श्रद्धालु पैदल या हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू करते हुए, सोमवार को 3,880 मीटर ऊंची गुफा में दर्शन करके यात्रा की शुरवात करेगे। पहलगाम रूट से जाने वाले श्रद्धालुओं को पहुंचने में दो तीन का समय लग जाता है। कई श्रद्धालु जम्मू में रुके बिना सीधे ही पहलगाम व बालटाल पहुंच कर यात्रा पर रवाना होते हैं। राज्यपाल ( Jammu Kashmir Governor ) जो श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन भी है, यात्रा शुरू होने के पहले दिन विधिवत पूजा करते हैं। इसके साथ ही यात्रा शुरू हो जाती है।
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक ( Jammu Kashmir Police ) मनीष कुमार सिन्हा ने कहा की सभी व्यवस्थाएँ सुचारू और शांतिपूर्ण तीर्थयात्रा सुनिश्चित कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं और उन्होंने सीमा पार से देश विरोधी तत्वों और उनके आकाओं के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि बेस कैंप, मंदिर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है।