अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे पुलिस को पता चला कि तीन से चार आतंकी लाल चौक से करीब 15 किलोमीटर दूर मुजगुंड मलूरा में एक जगह छिपे हुए हैं। सूचना पक्की थी। इसके तुरंत बाद सेना की 5 राष्ट्रीय राइफल (आरआर), राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने मिलकर वहां घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया। यह इलाका श्रीनगर-बारामुला राजमार्ग पर स्थित एचएमटी चौराहे से बांडीपोर की तरफ जाने वाली सड़क पर है। जवानों ने घेराबंदी करते हुए सभी संदिग्ध मकानों की तलाशी शुरू की।
जैसे ही वह घट्ट मोहल्ले में शेख हमजा पब्लिक स्कूल के पास पहुंचे तो वहां स्थित एक मकान में छिपे आतंकियों ने उनपर पहले ग्रेनेड फेंकने के बाद गोलीबारी शुरू कर दी। इसमें सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के दो जवान जख्मी हो गए। दोनों घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने का बंदोबस्त करते हुए अन्य जवानों ने जवाबी फायर किया। करीब एक घंटे बाद सुरक्षाबलों को पहला आतंकी मार गिराने में सफलता मिली। दूसरा आतंकी अगले एक घंटे के दौरान मारा गया। इस दौरान सेना के दो और पुलिस का एक और जवान जख्मी हो गया। सभी घायलों को बादामी बाग स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
वहीं, इस दौरान जहां आतंकी छिपे हुए थे वहां एक जोरदार धमाका होने के साथ ही आग भी लग गई। इससे मकान के आसपास के तीन अन्य घर भी चपेट में आ गए। इस दौरान रात साढ़े नौ बजे तक गोलीबारी होती रही। सीआरपीएफ के पुलिस महानिरीक्षक, रविदेप साही ने तीन आतंकवादियों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी पहचान की जा रही है।
मुजगुंड में मुठभेड़ की खबर फैलते ही एचएमटी, पंरपोरा, मलूरा, लावेपोरा और अन्य इलाकों से बड़ी संख्या में युवक जिहादी नारेबाजी करते हुए मुठभेड़स्थल पर जमा होने लगे। युवक राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए और हिंसा शुरू कर दी। ऐसे में सुरक्षाबलों ने भी पथराव कर रही भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठियां, आंसूगैस और पैलटगन का सहारा लिया। इस दौरान पांच लोगों के घायल होने की खबर है।