शाह ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान और पंडित प्रेमनाथ डोगरा के आंदोलन के कारण आज जम्मू-कश्मीर भारत का अंग है। यह सौभाग्य है कि वह उस पार्टी के अध्यक्ष हैं, जिसके अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी व पंडित प्रेमनाथ डोगरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू को पहली बार विकास कैसे हो सकता है, इसका अनुभव नरेंद्र मोदी सरकार ने कराया। 70 साल से एनसी, पीडीपी कांग्रेस ने जम्मू और लद्दाख के साथ सौतेला व्यवहार किया। आंदोलन होते रहे, मगर विकास ने कभी जम्मू की दहलीज पर दस्तक नहीं दी। मगर नरेंद्र मोदी के आने के बाद बिना आंदोलन और कुछ मांगे हर दिन जम्मू के विकास के लिए एक के बाद एक कदम उठे।
एयर स्ट्राइक का जिक्र
पुलवामा हमले के बाद भारत की एयर स्ट्राइक की चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि राहुल के गुरु सैम पित्रोदा चर्चा करने को कहते हैं। भारत ने पाक की जनता पर बम नहीं गिराए। अमित शाह ने कहा कि ‘एयरस्ट्राइक राहुल बाबा को हजम नहीं हो रही है। उनके गुरु सैम पित्रोदा कहते हैं कुछ लोगों की हरकतों के कारण देश पर हमला नहीं करना चाहिए।” अमित शाह ने सैम पित्रोदा पर निशाना साधते हुए पुछा कि “क्या पाकिस्तान वाले आपके चचेरे भाई लगते हैं?’
उमर को यूं लिया निशान पर
शाह बोले- उमर अब्दुला को तो सब कुछ विरासत में मिला। उमर कहते हैं, 35 ए को मत छुईए, वरना जम्मू-कश्मीर में एक और प्रधानमंत्री बनाना पड़ेगा। क्या उमर बना देंगे पीएम? और अगर वह बनाएंगे, तो क्या हम बैठे रहेंगे? भाजपा की सरकार, अगर विपक्ष में भी होगी, तो भी जम्मू-कश्मीर को हिंदुस्तान से कोई अलग नहीं कर सकता। उमर अब्दुला, महबूबा और उनके सरपरस्त राहुल बाबा यह कान खोल कर सुन लें। जम्मू कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री बनाने के सपने भाजपा के रहने तक कभी सफल नहीं होंगे।
राहुल से पूछा सवाल
शाह ने कहा, नेकां जो कांग्रेस की चुनावी सहयोगी है, उसके प्रत्याशी पाक जिंदाबाद के नारे लगाते हैं। इस पाकिस्तान जिंदाबाद के साथ कांग्रेस खुद को संबंद्ध पाती है या नहीं? अगर लेन देन नहीं है तो क्यों एनसी के साथ समझौता टिका है। देश की सुरक्षा के लिए भाजपा ने अफस्पा को कमजोर करने का दबाव आने पर महबूबा सरकार को गिरा दिया। दूसरी तरफ कांग्रेस और उसके नेता अपने चुनाव मेनिफेस्टों को डाइल्यूट करने की बात कहती है। शर्म आनी चाहिए। नरेंद्र मोदी की सरकार के रहते अफस्पा को कोई डाईल्यूट नहीं कर सकता।