राज्य की छह संसदीय सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ना चाहती हैं, लेकिन दो सीटों पर बने गतिरोध को लेकर गठजोड़ को अभी अंतिम रूप नहीं दिया है। जम्मू संभाग में दो संसदीय सीटें जम्मू-पुंछ और उधमपुर-डोडा हैं। कश्मीर में तीन संसदीय क्षेत्र बारामुला-कुपवाड़ा, श्रीनगर-बडगाम और अनंतनाग-पुलवामा हैं। लद्दाख प्रांत में एक ही सीट है, जो जिला लेह और कारगिल पर आधारित है। पिछले संसदीय चुनावों में जम्मू संभाग की दो और लद्दाख प्रांत की सीट भाजपा ने जीती थी। घाटी की तीनों सीटों पर पीडीपी ने जीत दर्ज की थी।
श्रीनगर-बडगाम पर पीडीपी के तत्कालीन सांसद तारिक हमीद करा के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में नेकां के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला चुनाव जीते थे। कांग्रेस और नेकां ने 2004 से 2014 तक राज्य में सभी संसदीय चुनाव आपसी गठजोड़ के आधार पर ही लड़े हैं। गठबंधन की संभावना को पहला झटका नेकां ने उस समय दिया, जब पार्टी ने कश्मीर की तीनों सीटों के प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए। जम्मू संभाग में जम्मू-पुंछ सीट के लिए राज्य के पूर्व मुख्य सचिव बीआर कुंडल को नेकां ने उम्मीदवार घोषित कर दिया। नेकां ने सिर्फ दो सीटों ऊधमपुर-डोडा और लद्दाख के लिए प्रत्याशी घोषित नहीं किए।