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आतंकियों से जुड़े डीएसपी देविंदर का वीरता पुरस्कार होगा वापस!

locationजम्मूPublished: Jan 14, 2020 09:13:11 pm

Submitted by:

Arun Kumar Sharma

DSP Devinder singh: आतंकियों के मददगार पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देविंदर सिंह मामले की जांच राज्य प्रशासन एनआइए (National Investigation Agency (NIA) को सौंप सकता है। देविंदर और आतंकियों के रिश्ते के बारे में पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और गृह सचिव को विस्तृत रिपोर्ट दी है। आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा लेते हुए पदोन्नति के आधार पर सब इंस्पेक्टर से डीएसपी बने देविंदर को दिया गया पुलिस वीरता पुरस्कार भी वापस लिया जा सकता है (Police Bravery Award given to Devinder can also be withdrawn)।

आतंकियों से जुड़े डीएसपी देविंदर का वीरता पुरस्कार होगा वापस!

आतंकियों से जुड़े डीएसपी देविंदर का वीरता पुरस्कार होगा वापस!

डीएसपी ने उगले पुलवामा के कई राज, एनआईए करेगी जांच

डीएसपी देविंदर ने आठ माह में छह बार आतंकियों को कश्मीर से बाहर पहुंचा

योगेश. जम्मू

आतंकियों के मददगार पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देविंदर सिंह मामले की जांच राज्य प्रशासन एनआइए को सौंप सकता है। देविंदर और आतंकियों के रिश्ते के बारे में पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और गृह सचिव को विस्तृत रिपोर्ट दी है। आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा लेते हुए पदोन्नति के आधार पर सब इंस्पेक्टर से डीएसपी बने देविंदर को दिया गया पुलिस वीरता पुरस्कार भी वापस लिया जा सकता है। देविंदर को यह पुरस्कार वर्ष 2017 में मिला था। फिलहाज आतंकियों के पनाहगार डीएसपी को पुलिस प्रशासन ने निलंबित कर दिया है। एनआईए के दो वरिष्ठ अधिकारी देविंदर व उनके साथ पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के लिए श्रीनगर पहुंच चुके हैं। उन्होंने एक घंटे तक डीएसपी से पूछताछ की है। पूछताछ से जुड़े दस्तावेजों का संबंधित अधिकारियों संग संज्ञान भी लिया। इस दौरान देविंदर से पुलिस को पुलवामा आतंकी हमले की कुछ अहम जानकारियां मिली हैं। देविंदर उन दिनों पुलवामा में तैनात थे। इस बीच, पुलिस ने श्रीनगर के बादामी बाग सैन्य छावनी के साथ सटे इंदिरा नगर स्थित उसके तीन मंजिला मकान की फिर से तलाशी लेने के अलावा श्रीनगर एयरपोर्ट पर उसके कार्यालय को भी सील कर दिया है। आशंका है कि पिछले सात-आठ माह में देविंदर करीब छह बार आतंकियों को कश्मीर से बाहर पहुंचा चुका है।

अभी इस मामले पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता : खान

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्म के सलाहकार फारूक खान ने कहा कि मैं इस मामले पर अभी कोई चर्चा नहीं करना चाहता, इसकी जांच की जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की तारीफ की जानी चाहिए कि उसने इसका पर्दाफाश किया। देविंदर के चलते पूरे पुलिस महकमे पर ऊँगली नहीं उठाई जा सकती है। कांग्रेस के बयान का उत्तर देते हुए खान ने कहा की यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक दल उन मामलों पर राजनीति कर रहे हैं, जो सीधे भारत की सुरक्षा से संबंधित हैं।

गृह मंत्रालय ने नहीं दिया कोई वीरता पुरस्कार

पुलिस ने यह साफ किया है कि आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर को गृह मंत्रालय की तरफ से कोई वीरता पुरस्कार नहीं दिया गया था। उसे सिर्फ जम्मू-कश्मीर सरकार ने वीरता पुरस्कार दिया था। देविंदर को 25-26 अगस्त 2017 को जिला पुलिस लाइंस पुलवामा में आतंकी हमले का सामना करने में उनकी भागीदारी के लिए वीरता पदक दिया गया था, जब वह वहां तैनात थे।

देविंदर लंबे समय से आतंकियों से जुड़ा था

अधिकारियों के अनुसार, देविंदर लंबे समय से आतंकियों से जुड़ा था। वह उनके लिए सुरक्षित ठिकानों से लेकर उन्हें एक से दूसरी जगह पहुंचाने का भी बंदोबस्त करता था। कई बार पुलवामा के त्राल में पैतृक घर में और कई बार श्रीनगर में अपने मकान में आतंकियों को पनाह दी है। बीते शनिवार को नवीद बाबू व अन्य तीन लोगों को सड़क के रास्ते चंडीगढ़ रवाना होने से पहले शुक्रवार रात उसने आतंकियों को श्रीनगर स्थित मकान में ठहराया था। पहले उसने सभी को हवाई जहाज के रास्ते कश्मीर से बाहर ले जाने की योजना बनाई थी, लेकिन एयरपोर्ट पर पकड़े जाने के डर से उसने इरादा बदल दिया। वह श्रीनगर एयरपोर्ट पर एंटीहाईजैक विंग में तैनात था। उसने आतंकियों को कश्मीर से बाहर ले जाने के लिए गलत कारण बताकर चार दिन का अवकाश भी लिया था।

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