क्या है साल्मोनेला बैक्टीरिया
हैंस क्रिश्चियन ग्रैम ने 1884 में एक जर्नल में ग्रैम-पॉजिटिव ( Gram-positive ) और ग्रैम नेगेटिव ( Gram-negative ) नाम से अपनी खोज को पब्लिश किया। साथ ही बताया कि ग्रैम पॉजिटिव बैक्टीरिया माइक्रोस्कोप से पर्पल कलर का दिखा, क्योंकि सेल की लेयर काफी मोटी थी। इस वजह से वो घुल नहीं पाई। वहीं, ग्रैम नेगेटिव बैक्टीरिया के सेल काफी पतले थे, जिस वजह से वो घुल पाए। जर्नल में हैंस ने लिखा कि मैं इस विधि को पब्लिश कर रहा हूं, हालांकि मुझे मालूम है कि ये अभी अधूरी है और इसमें कई दोष मौजूद हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि कोई खोजकर्ता इस जर्नल को पढ़ेगा और इस विधि को आगे बढ़ाने में सफलता मिलेगी।
1938 में हुई मौत
डैनिश वैज्ञानिक हैंस क्रिश्चियन ग्रैम की 85 की उम्र में साल 1938 में मौत हो गई। ग्रैम स्टेनिंग तकनीक का इस्तेमाल माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में आज भी किया जा रहा है। उनके द्वारा इजाद की गई इस तकनीक का इस्तेमाल आज भी बायोल़ॉजी स्टूडेंट लैब में करते हैं।