जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मनीष कुमार सिन्हा ने बनिहाल धमाके की साजिश का पर्दाफाश करते हुए पूरे मामले को सुलझाने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि 30 मार्च को बनिहाल में पुलवामा की तरह की कार ब्लास्ट करके सीआरपीएफ काफिले पर हमला करने की कोशिश की गई। अगले ही दिन पुलिस ने इस कार को ब्लास्ट करने वाले ओवेस अमीन नाम के आत्मघाती हमलावर को पकड़ लिया।इसके बाद एसआईटी का गठन किया। पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के उमर शफी, आकिब शाह निवासी शोपियां, शाहिद वानी उर्फ वाटसन और वसीम अहमद डार उर्फ डाक्टर निवासी चकोरा पुलवामा को दबोचा। इसके बाद बठिंडा की केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे हिलाल मंटू को पकड़ा। हिलाल को सोमवार को यहां मीडिया के सामने भी पेश किया गया। आईजी ने बताया कि इस हमले की पूरी साजिश हिजबुल के कमांडर रियाज नायकू ने रची थी। उसका साथ पाकिस्तानी आतंकी मुन्ना बिहारी ने दिया। मुन्ना के आदेश पर रईस अहमद (शोपियां) और उमर शफी ने ओवेस को आत्मघाती हमला करने के लिए तैयार किया।
बठिंडा केंद्रीय विश्वविद्यालय से पकड़े आतंकी हिलाल मंटू, वसीम उर्फ डाक्टर, मुन्ना बिहारी, शाह जहां और साहिल अब्दुल्ला ने मिलकर कार को तैयार किया था। मुन्ना बिहारी ने कार में रखा जाने वाला विस्फोटक जमा किया था, लेकिन विस्फोटक कहां से खरीदा गया? कार कहां से ली गई? इसका अभी पता नहीं चल पाया है। मुन्ना बिहारी, साहिल अब्दुल्ला, शाह जहां अभी पकड़ से बाहर हैं। आईजी का कहना है कि इस हमले की साजिश में ऐसे आतंकियों का चयन किया गया, जिनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। स्टूडेंट विंग के आतंकियों को तैयार किया गया, ताकि किसी को कोई शक न हो।
26 मार्च को यूं किया था प्रयास
बनिहाल हमला करने से पहले आतंकियों ने 26 मार्च को भी इसी तरह का प्रयास किया था, लेकिन जिस कार में आईईडी लगा रखी थी उसमें धमाका नहीं हुआ। यह हमला भी ओवेस करने वाला था। ओवेस ने धमाका न होने पर वीडियो काल के जरिए मुन्ना बिहारी को इसकी जानकारी दी थी।