ऐसे समझे क्या बदलाव होने जा रहा है…
केंद्रीय सरकार का फैसला जम्मू क्षेत्र के सांबा, जम्मू और कठुआ के अंतर्राष्ट्रीय सीमा के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 4,51,856 लोगों के लिए फायदेमंद होने की संभावना है। इससे पहले आरक्षण सिर्फ़ नियंत्रण रेखा पर रहने वाले लोगों को ही मिलता था। इस आदेश के लागू होने के बाद एलओसी की तर्ज पर इंडियन बार्डर(आईबी) के लोगों को भी राज्य सरकार की नौकरियों में तीन फीसदी आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा। पहले तीन फीसदी आरक्षण का लाभ एलओसी से छह किमी के दायरे में रहने वाले लोगों को मिलता था। बार्डर के लोग जो क्रास बार्डर फायरिंग से हमेशा प्रभावित होते रहे हैं, लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहे थे।
फैसले को केंद्र सरकार के बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है…
केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले बड़ा दांव चला है। इसके तहत आईबी के लोगों के साथ ही, अनुसूचित जाति-जनजाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर तबके को साधने की कोशिश की है। आरक्षण का लाभ देकर इन लोगों का वोट बैंक हासिल करने की कोशिश की है। रियासत में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर रहने वाले 350 गांवों के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। इससे लगभग पांच फीसदी आबादी को लाभ पहुंचेगा। राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुए राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक में जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2014 में संशोधन को मंजूरी दी गई थी। साथ ही इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा गया था।
पदोन्नित में भी मिलेगा लाभ
इसके अलावा संविधान संशोधन 2019 के तहत जम्मू और कश्मीर में मौजूदा आरक्षण के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को शैक्षिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा। कैबिनेट के फैसले से सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा। इसमें मुस्लिम समुदाय से गुज्जर व बक्करवाल भी शामिल हैं।
हर समुदाय को किसी न किसी रूप में मिलेगा आरक्षण
24 साल के इंतजार के बाद 77 वां संविधान संशोधन 1995 रियासत में लागू हो पाएगा। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए 10 फीसदी आरक्षण का लाभ भी मिलने लगेगा। किसी भी धर्म या जाति से जुड़े युवाओं को राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण का लाभ लेने का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह प्रावधान देशभर में 103 वें संविधान संशोधन के जरिये जनवरी में ही लागू हो गया था। यह केंद्र सरकार की नौकरियों में उपलब्ध आरक्षण के अतिरिक्त होगा।