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Lashkar-e-Taiba: पांच लाख का इनामी आतंकी गिरफ्तार

locationजम्मूPublished: Jul 25, 2019 05:48:09 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

ठाठरी (डोडा) के निकट फागसू के जंगल में बुधवार को सुरक्षाबलों ( Indian Army ) ने एक तलाशी अभियान चलाकर लश्कर-ए-तैयबा ( Lashkar-e-Taiba ) के पांच लाख के इनामी आतंकी ( Terrorism in Kashmir ) जमालदीन गुज्जर उर्फ अबु बकर को गिरफ्तार किया है….

Indian army and Police arrests LeT terrorist in Kashmir

Lashkar-e-Taiba: पांच लाख का इनामी आतंकी गिरफ्तार

जम्मू. ठाठरी (डोडा) के निकट फागसू के जंगल में बुधवार को सुरक्षाबलों ( Indian Army ) ने एक तलाशी अभियान चलाकर लश्कर-ए-तैयबा ( Lashkar-e-Taiba ) के पांच लाख के इनामी आतंकी ( Terrorism in Kashmir ) जमालदीन गुज्जर उर्फ अबु बकर को गिरफ्तार किया है। जमालदीन सितंबर 2017 को आतंकी बना था और डोडा और किश्तवाड़ जिलों में सक्रिय था। इस गिरफ्तारी को दोनों जिले में बीते दिनों में बड़े नेताओं की लक्ष्य बनाकर की गई हत्याओं के हिसाब से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आतंकी जमालदीन जिला किश्तवाड़ के पठना केशवान का रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी को किश्तवाड़, डोडा और रामबन में फिर से अपना नेटवर्क मजबूत करने में जुटे आतंकियों के लिए एक बड़ा झटका बताया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि आतंकी जमालदीन नवंबर 2018 में किश्तवाड़ में भाजपा नेता अनिल परिहार और उनके भाई की हत्या व उसके बाद इसी साल अप्रेल माह में आरएसएस नेता चंद्र प्रकाश व उनके अंगरक्षक की हत्या में भी शामिल रहा है। एसपी ऑपरेशन रविंदरपाल सिंह ने बताया कि ठाठरी के जंगल में आतंकी के छिपे होने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर सेना की 26 आरआर और डोडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आतंकी के पास से एक एके 47 राइफल और मैगजीन बरामद की गई है।

बड़ा भाई भी था आतंकी

सूत्रों ने बताया कि जमालदीन का बड़ा भाई हबीब गुज्जर भी लश्कर का नामी कमांडर था, जो चार अक्टूबर 2011 में नागनीगढ़ में हुई मुठभेड़ में मारा गया था। जमालदीन ने अपने भाई हबीब के साथ मिलकर राज्य पुलिस में सब इंस्पेक्टर कासिमदीन की मां की वर्ष 2010 में हत्या कर दी थी। इस मामले में जमालदीन पकड़ा गया और उसके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र भी दायर हुआ है, लेकिन वह दो साल बाद जमानत पर रिहा हो गया था। जमालदीन जेल से रिहा होने के बाद बतौर ओवरग्राउंड वर्कर आतंकी संगठन के लिए काम करता रहा। वर्ष 2015 में स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले किश्तवाड़ में वह और उसका एक अन्य भाई बुर्का व औरतों के कपड़े पहन रहस्यमय परिस्थितियों में घूमते हुए पकड़े गए थे। उन्होंने बताया कि जमालदीन गत वर्ष दोबारा आतंकी बना और उसके बाद वह किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के लिए एक चुनौती बन गया था।

गत माह हुआ जख्मी

गत माह 22 जून को किश्तवाड़ के सरवां जंगल में जमालदीन अपने साथियों संग सुरक्षाबलों की घेराबंदी में फंस गया था, लेकिन मुठभेड़ में जख्मी होने के बावजूद वह बच निकला था। उसके बाद वह डोडा की तरफ चला गया और ठाठरी के निकट एक जंगल में छिपकर अपना इलाज कराने लगा, लेकिन आवश्यक दवाओं और उचित चिकित्सा के अभाव में उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी।

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