सेना ने उठाए यह तीन बड़े कदम
सेना ने 20 प्रतिशत से अधिक सैन्य अधिकारियों को एलओसी तथा कश्मीर में तैनात करने का फैसला किया है। राजधानी दिल्ली से राष्ट्रीय राइफल्स के मुख्यालय ( National Rifles Headquarters ) को भी उधमपुर ( udhampur ) स्थानांतरित किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सेना उप-प्रमुख का तीसरा पद बनाने का भी फैसला किया गया है, जो ऑपरेशन, इण्टरनेंट वारफेयर और सैन्य खुफिया विभाग जैसे इकाई देखेंगे।
सीमा पर तैनात होने के साथ ऑपरेशन में भी शामिल होंगे अधिकारी
सूत्रों के अनुसार सेना की ओर से यह तय किया गया है कि नई दिल्ली में तैनात सेना के 20 प्रतिशत अधिकारियों को अपने काम से मुक्त कर के फील्ड फाइटिंग ऑपरेशन में ड्यूटी दे दी जाएगी। इन अधिकारियों को सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। सीमाओं के अलावा, कुछ अधिकारी कश्मीर घाटी में आतंकवाद-रोधी अभियानों में भी तैनात किए जा सकते हैं, जहाँ सैनिक आतंकवादियों को खत्म करने में लगे हुए है।
उधमपुर में राष्ट्रीय राइफल्स मुख्यालय से होगा बड़ा बदलाव
सूत्रों का कहना है कि “लगभग 229 अधिकारियों को सेना मुख्यालय से इकाइयों और क्षेत्र सेनाओं की संरचना के लिए स्थानांतरित किया जाएगा। राष्ट्रीय राइफल्स के महानिदेशक को अब नई दिल्ली नहीं बल्कि उधमपुर में उत्तरी कमान में स्थानांतरित किया जाएगा और लेफ्टिनेंट जनरल के बजाय एक मेजर जनरल इसकी देखभाल करेगा। राष्ट्रीय राइफल्स को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए बड़ी संख्या में तैनात किया गया है और इसके महानिदेशक के पद को नई दिल्ली से उधमपुर मुख्यालय के उत्तरी कमान में स्थानांतरित करने से बल को मदद मिलेगी।
सेना के तीसरे उपप्रमुख का होगा यह काम
वर्तमान में सेना में दो उप प्रमुखों ( Deputy Army Chief ) के पद हैै। पहले उप प्रमुख को उप प्रमुख (योजना और सिस्टम) के रूप में जाना जाता है, जो बल में पूंजीगत खरीद के बाद दिखता है जबकि दूसरा उप प्रमुख (सूचना प्रणाली और प्रशिक्षण) के रूप में जाना जाता है। सूत्रों के अनुसार सेना द्वारा एक और महत्वपूर्ण निर्णय के तहत उप प्रमुख का नया पद सृजित किया जाएगा जो कि सैन्य संचालन, सैन्य खुफिया सूचना और युद्ध के महत्वपूर्ण निदेशालयों की देखरेख करेंगे, जो सभी आतंकवाद विरोधी अभियानों के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर सैनिकों की स्थिति को मजबूत करने में सहायक होंगे। तीसरे उप प्रमुख को उप प्रमुख (रणनीति) के रूप में नामित किया जाएगा, सूत्रों ने कहा कि सूचना वारफेयर को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा क्योंकि लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी साइबर युद्ध के साथ इस पहलू की निगरानी करेंगे।
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