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मिली जानकारी के अनुसार आदिल ही 28 सितंबर 2018 को श्रीनगर के जवाहर नगर में पीडीपी के पूर्व विधायक ऐजाज मीर के घर से सुरक्षाकर्मियों की 7 राइफलों और एक पिस्तौल के साथ फरार हुआ था। वह गत दिनों दक्षिण कश्मीर के शोपियां में पकड़े गए हिजबुल आतंकी नवीद का भी करीबी था। सुरक्षाबलों ने आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान जारी रखा है, अन्य आतंकियों के भी छिपे होने की आशंका जताई जा रही है। आतंकी नवीद के पकड़े जाने के बाद शोपियां में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच यह पहली मुठभेड़ है। त्राल के ऊपरी इलाके में भी आतंकियों के छिपे होने की आशंका के चलते सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
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मिली जानकारी के अनुसार शोपियां के वाची में आतंकियों के छिपे होने की सुचना पर तडक़े पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर एक तलाशी अभियान छेड़ा। एक जगह छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग करते हुए वहां से भागने का प्रयास किया। जवानों ने जवाबी फायर किया। घंटों तक चली मुठभेड़ के बाद जवान तीनों आतंकियों को मार गिराने में सफल रहे। आतंकी आदिल बशीर—जैनपोरा, जहांगीर मलिक—अछन पुलवामा और वसीम—नागबल का रहने वाला था। सुरक्षाबलों का कहना है कि जिस जगह यह मुठभेड़ हुई वह इलाका जैनपोरा से थोड़ी ही दूरी पर है। इससे यह लगता है कि आदिल अपने घर आया हुआ था। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों ने शोपियां में 3 आतंकवादियों को ढेर किया है। उन्होंने बताया कि 2017 से सक्रिय वसीम जो, हिजबुल मुजाहिद्दीन में शीर्ष स्थान पर था। उसके खिलाफ 19 एफआईआर हुईं और 4 नागरिकों समेत 4 पुलिस की हत्या में भी वह शामिल था।
DSP को लेकर तोड़ी चुप्पी…
जम्मू—कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने यह भी कहा कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन दक्षिण कश्मीर में पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है। आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह को लेकर भी डीजीपी ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि वैसे तो यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी के हाथ में चला गया है। ऐसे में इस बारे में टिप्पणी करना उचित नहीं है। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि देविंदर सिंह के बांग्लादेश दौरे की जानकारी सामने आई है। उसकी बेटियों की पढ़ाई बांग्लादेश में हुई थी। उनका दौरा केवल बेटियों से मिलने तक सीमित था या किसी अन्य मामले से इसके तार जुड़े है, इस संबंध में जांच की जा रही है।