scriptTerrorist: खुद की जान बच जाए, लोगों पर चाहे कहर आए | Jammu and Kashmir witnesses 400 per cent increase in grenade attacks | Patrika News

Terrorist: खुद की जान बच जाए, लोगों पर चाहे कहर आए

locationजम्मूPublished: Jul 25, 2019 08:06:32 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

Jammu Kashmir: खुद की जान दे कर आत्मघाती हमलों ( Suicidal Attack ) को अंजाम देने वाले आतंकियों ( Terrorism in Kashmir ) ने अब नया रास्ता ढूंढ निकाला है। भारतीय सुरक्षाबलों ( Indian Army ) की सख्ती के चलते दिनों-दिन कम हो रहे आतंकियों…

Jammu and Kashmir witnesses 400 per cent increase in grenade attacks

Terrorist: खुद की जान बच जाए, लोगों पर चाहे कहर आए

श्रीनगर. खुद की जान दे कर आत्मघाती हमलों ( suicidal attack ) को अंजाम देने वाले आतंकियों ( terrorism in kashmir ) ने अब नया रास्ता ढूंढ निकाला है। भारतीय सुरक्षाबलों ( Indian army ) की सख्ती के चलते दिनों-दिन कम हो रहे आतंकियों ने अब अपने गुर्गों को और नहीं खोने के लिए नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। अब वे खुद की जान न देकर लोगों की जान लेने की कायराना हरकत पर उतारू हो गए हैं। इसके लिए वे दूर से ग्रेनेड फैंकने और बम विस्फोट करने की नीति अपना रहे हैं। जम्मू कश्मीर में 2017 की तुलना में 2018 के दौरान ग्रेनेड हमले और बम विस्फोट की घटनाओं में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जम्मू कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा जारी क्राइम गैजेट का दावा है कि राज्य में 2018 में 82 ग्रेनेड और बम विस्फोट हुए थे, जबकि 2017 में 20 ऐसी घटनाओं को दर्ज किया गया था। 2018 में जून और जुलाई महीने में अधिकतम ग्रेनेड हमले हुए। इस दौरान 27 ऐसी घटनाएं जम्मू-कश्मीर में हुईं। इसी साल में ग्रेनेड और बम हमलों के कारण तीन सैन्यकर्मी मारे गए और 18 नागरिक घायल हो गए थे। 2017 में आतंकियों द्वारा किए गए इस तरह के हमलों में कम से कम 19 सैन्यकर्मी घायल हो गए। क्राइम गैजेट का यह भी दावा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने 2018 में 196 ग्रैंड, 31 यूबीजीएल ग्रेनेड, और एक बम ज़ब्त किया था। 2017 में, पुलिस ने 299 ग्रेनेड और 32 यूबीजीएल ग्रेनेड बरामद किए थे। बता दें कि पिछले साल अनंतनाग जिले के अरवानी इलाके में सबसे बड़ा ग्रेनेड हमला हुआ था, जिसमें छह सैन्यकर्मी घायल हो गए थे। इस साल भी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कश्मीर में चार ग्रेनेड हमले हुए थे, जिसमें एक हमले में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था।

मार्च में हुई जम्मू की बड़ी घटना

Jammu and Kashmir witnesses 400 per cent increase in grenade attacks

इस साल मार्च में जम्मू में ग्रेनेड हमले की सबसे बड़ी घटना सामने आई थी जब एक युवक और 32 नागरिक घायल हो गए थे। पूर्व पुलिस महानिदेशक और रक्षा विशेषज्ञ एम.एम. खजूरिया का मानना हैं कि वर्षों से आतंकियों ने सेना पर हमला करने के लिए ग्रेनेड फैंकने का सहारा लिया है। खजुरिया ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा इन रणनीतियों को मुठभेड़ में अपने कमांडरों को खोने के बाद विशेष रूप से अपनाया गया हैं।

नहीं मिटी पुलवामा हमले की टीस

Jammu and Kashmir witnesses 400 per cent increase in grenade attacks
बता दें कि इस साल कश्मीर में कई आतंकी हमले हुए हैं। जिसमें एक बड़ा हमला फरवरी में पुलवामा में हुआ था। इस हमले में 40 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ के तहत अभी तक कश्मीर में 120 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। ये आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन, अंसार गज़्वातुल हिन्द और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो