केन्द्र सरकार ने धारा ३७० हटाने ( Articel 370 ) के बाद जम्मू-कश्मीर के गांवों के सुदृढ़ीकरण करने का निर्णय लिया। ग्रामीण आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह कार्यक्रम चलाया गया। बैक टू विलेज ( Back to Village Programme ) कार्यक्रम के तहत २१ से २७ जून तक सभी जिलों के पंच-सरंपचों से विकास संबंधी विवरण और इसके लिए वित्तीय राशि की जरूरतों के बारे में जानकारी मांगी गई।
जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों के पंच-सरपंचों से जानकारी जुटाने के बाद केन्द्र ने अनुमानित विकास राशि स्वीकृत की है। इस राशि से सभी ४४८३ पंचायतों में विकास संबंधी कार्य कराए जाएंगे। इसमें गांवों में सड़के, नालिया, पानी-बिजली की सुविधा, सार्वजनिक संस्थाओं के भवन इत्यादि सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
इससे पहले, केंद्र ने पंचायतों की वित्तीय शक्तियों को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया था। इसके अलावा, ब्लॉक परिषदों की वित्तीय शक्तियों को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया गया। जम्मू-कश्मीर में पंचायत स्तर पर विकास के जमीनी हालात जानने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पंच-सरपंचों से मुलाकात की थी।
इसके बाद शाह ने पंचायतों के विकास संबंधी घोषणाएं की थी। जिसके तहत प्रत्येक पंच-सरपंच को २ लाख रूपए का निजी जीवन बीमा कवर देने का आश्वासन भी दिया गया था। गौरतलब है कि पूर्व में पंचायत स्तर पर विभिन्न योजनाओं के लागू नहीं होने के आरोप लगे थे। इनमें वित्त संबंधी अड़चने भी सामने आई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने नए सिरे से पंचायतों के सुदृढ़ीकरण का निर्णय लिया है।