जम्मू

मुझे फैक्स मिला होता, तब भी मेरा यही फैसला होता: सत्यपाल मलिक

विधानसभा भंग करने के लिए चुने गए दिन पर राज्यपाल ने कहा कि ईद का मुबारक दिन था, इसीलिए उन्होंने इस दिन को चुना…

जम्मूNov 22, 2018 / 07:46 pm

Prateek

governor file photo

(पत्रिका ब्यूरो,जम्मू): जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने के अपने फैसले को उचित बताते हुए कहा कि विधानसभा भंग करना जम्‍मू-कश्‍मीर की जनता के पक्ष में है। महबूबा मुफ्ती के राजभवन को समर्थन पत्र संबंधी भेजे गए फैक्स पर किए गए टवीट पर राज्यपाल ने कहा कि वह न ट्वीट करते हैं और न देखते हैं। बुधवार को ईद थी। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला भी मुस्लिम हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि इस दिन दफ्तर बंद रहा करते हैं। यहां तक कि मेरा रसोइया भी छुट्टी पर था। अगर फैक्स बंद था, तो वे पार्टी के किसी भी व्यक्ति को भेज सकती थीं। फैक्स को संभालने वाले की तो बात ही छोड़ दीजिए। अगर मुझे फैक्स मिल भी गया होता, तब भी मेरा फैसला यही होता। विधानसभा भंग करने के लिए चुने गए दिन पर राज्यपाल ने कहा कि ईद का मुबारक दिन था, इसीलिए उन्होंने इस दिन को चुना।

 


…ये वो फोर्स हैं, जो ग्रासरूट डेमोक्रेसी नहीं चाहतीं

राज्यपाल ने कहा कि अगर वह विधानसभा भंग नहीं करते, तो कुछ राजनीतिक दल खरीद-फरोख्त में लगे हुए थे, जिससे राज्य में अस्थिरता का माहौल पैदा हो जाता। महबूबा मुफ्ती ने भी कुछ दिन पहले यह कहा था कि उनके विधायकों को एनआईए का डर दिखाया जा रहा है। इसके अलावा अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस तरह की शिकायतें की थीं। मैं नहीं चाहता था कि किसी भी राजनीतिक दल को खरीद-फरोख्त का मौका दूं। मेरी कोशिश है कि राज्य में राजनीतिक मूल्यों पर आधारित व्यवस्था को बनाया जाए न कि इसे खतरे में डाला जाए। ये फोर्स वे हैं जो ग्रासरूट डेमोक्रेसी बिल्‍कुल नहीं चाहती थीं और अचानक ये देखा कि हमारे हाथ से चीजें निकल रही हैं, एक अपवित्र गठबंधन करके मेरे सामने आ गए। मैंने किसी से पक्षपात नहीं किया। मैंने जो जम्‍मू-कश्‍मीर की जनता के पक्ष में था, वह काम किया है। अगर ये गठजोड़ वाली सरकार बनती, तो इसका लोगों की अपेक्षाओं से कोई सरोकार नहीं होता।

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