व्हाइट लिस्ट की वेबसाइट ही होगी सर्च
आदेश के अनुसार, कोई भी इंटरनेट सेवा का दुरुपयोग न कर सके, इसलिए उन्हीं पोस्टपेड और प्रीपेड मोबाइल सिम धारकों के नंबरों पर डाटा इंटरनेट सेवा उपलब्ध होगी, जिनके बारे में निर्धारित नियमों के तहत जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी। कश्मीर में ब्रॉडबैंड पर भी सिर्फ श्वेत सूची में शामिल वेबसाइट को ही सर्च किया जा सकेगा। सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। ब्रॉडबैंड पर इंटरनेट सुविधा मैट बाइडिंग के बाद ही मिलेगी। इंटरनेट सुविधा प्रदान करने वाले ही इसके किसी भी दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार होंगे।
5 अगस्त 2019 से संचार सेवाएं थी बाधित
पिछले वर्ष पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की घोषणा से पहले राज्य प्रशासन ने पूरे जम्मू कश्मीर में इंटरनेट और टेलीफोन सेवाओं को पूरी तरह बंद कर दिया था। जम्मू प्रांत में अगले दो दिन में ही सभी टेलीफोन सेवाएं पूरी तरह सामान्य हो गई थी, सिर्फ मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद रखा गया था। वहीं, जम्मू प्रांत में ब्रॉडबैंड सेवा भी शुरू से बहाल रखी गई है।
कश्मीर घाटी में अगस्त माह के दूसरे पखवाड़े में लैंडलाइन फोन सेवा को चरणबद्ध तरीके से बहाल करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो सितंबर माह में पूरी हुई। इसके बाद अक्टूबर में कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवा शुरू की थी। ब्रॉडबैंड सेवा को सिर्फ कुछ गिने चुने संस्थानों में ही सरकारी नियंत्रण में बहाल किया। 14 जनवरी को प्रशासन ने जम्मू प्रांत में सभी पोस्टपेड मोबाइल फोन पर 2जी इंटरनेट सुविधा बहाल कर दी थी।
इसके बाद 18 जनवरी को कश्मीर घाटी में भी सभी प्रीपेड फोन बहाल कर दिए गए थे, लेकिन 2जी इंटरनेट सेवा सिर्फ पोस्टपेड फोन पर और वह भी दो सीमावर्ती जिलों कुपवाड़ा व बांडीपोरा में बहाल की गई थी। घाटी में ब्रॉडबैंड सेवा को भी आम उपभोक्ताओं के लिए बंद रखा गया था।
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