यह वीडियो गुरुवार को तब बनाया गया, जब वह क्लास में व्याख्यान दे रहे थे। कुछ विद्यार्थियों ने गुरुवार को ही कुलपति डॉ. मनोज धर के पास इस संदर्भ में शिकायत दर्ज कराई थी। शुक्रवार को प्रदर्शन बढ़ता देख कुलपति मनोज धर ने इस प्रकरण की जांच के लिए छह सदस्यों की जांच कमिटी गठित कर दी है। जांच पूरी होने तक उनके क्लास लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। जांच में अगर वह दोषी पाए जाते हैं, तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। छात्रों का कहना था कि प्रोफेसर के इस कथन से राष्ट्रवादी छात्रों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
इस बारे में प्रो. ताजुद्दीन का कहना है कि वे कक्षा में लेनिन पर लेक्चर दे रहे थे। उस संदर्भ में उनकी जीवनी, उस समय की परिस्थिति में उसके भाई का जिक्र आया, जिन्हें आतंकी प्रचार का अगुवा बताते हुए फांसी दे दी गई थी। ‘एक्सट्रीम वायलेंस’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यही आतंक की परिभाषा है। मौजूदा स्टेट अपने खिलाफ विद्रोह करने वालों को आतंकी कहता है। इसी संदर्भ में भगत सिंह का भी जिक्र आया। हम भारतवासियों के लिए वह क्रांतिकारी थे, लेकिन उस समय के शासक के लिए वह आतंकी थे। छात्रों को सही संदर्भ में ‘गुड टेरेरिज्म’ और ‘बैड टेरेरिज्म’ को समझना चाहिए। फिर भी किसी की भावना आहत हुई, तो हमें खेद है। लेक्चर को विषय की तरह समझना चाहिए। उस पर राजनीति ठीक नहीं है।