सिंह ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में आतंकवाद एक वैश्विक चिंता है और इसके लिए सभी राष्ट्रों लडऩे के लिए तैयार हैं। घाटी में शांति लाने के लिए कश्मीर के अलगाववादियों नेताओं के साथ बात करने पर सिंह ने कहा कि मैंने पहली मोदी सरकार में बतौर देश के गृह मंत्री संवाद के लिए कई पहल कीं, अब उन्हें तय करना है कि इसके बाद क्या करना है। इससे पहले, रक्षा मंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने अलगाववादियों नेताओं के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि हमने कश्मीर में हिंसा के माध्यम से समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहे लोगों से बातचीत के लिए एक मेज पर आने के लिए विनम्र प्रार्थना की, परन्तु कोई असर नहीं हुआ। मैंने पूरी कोशिश की, भारत के किसी अन्य गृह मंत्री ने कश्मीर के तथाकथित नेताओं से बातचीत के लिए इतना प्रयास नहीं किया होगा। मैंने प्रमुख राजनीतिक नेताओं से, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शामिल थीं को भी बातचीत करने के लिए कहा। हम यहीं नहीं रुके और एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजा, लेकिन अलगाववादी नेता उनसे नहीं मिले। आज मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि कश्मीर मुद्दा सुलझेगा और दुनिया की कोई भी ताकत हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकती। रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर लोग बातचीत से समाधान नहीं चाहते हैं, तो इसका समाधान कैसे होगा यह हम जानते हैं।
अलगाववादियों को लगाई फटकार
सिंह ने अलगाववादियों को यह कहते हुए फटकार लगाई कि वे बच्चों का इस्तेमाल पत्थर फेंकने के लिए कर रहे हैं, लेकिन उनके अपने बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं। सिंह ने कहा कि वे हमारी आने वाली पीढिय़ों को खराब कर रहे हैं, उन्हें पथराव करने के लिए उकसा रहे हैं। सिंह ने सवाल किया कि आप किस तरह की आज़ादी चाहते हैं। क्या यह वैसा ही है जैसा कि पाकिस्तान में है?