हिलाल राथर ने जम्मू के नरवाल बाला में पैराडाइज एवन्यू टाउनशिप बनाने के लिए यह ऋण लिया था। राथर ने पैराडाइज एवन्यू के नाम से एक फर्म बनाई। इसमें सनंत नगर श्रीनगर के डॉ. रिजवान रहीम डार, बारामुला निवासी गुलाम मोहम्मद भट्ट तथा जम्मू निवासी दलजीत वडेरा व दीपशिखा जम्वाल हिलाल राथर के पार्टनर बने। जम्मू-कश्मीर बैंक के नियमानुसार एक पार्टनरशिप फर्म को ४० करोड़ रुपए से अधिक ऋण मंजूर नहीं हो सकता था, लेकिन बैंक के तत्कालीन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने पहले चरण में ही इस फर्म के लिए 74.27 करोड़ रुपए का ऋण मंजूर किया।
हिलाल राथर इससे पहले स्टेट फाइनेंशियल कॉरपोरेशन से भी ऋण ले चुका था और न चुकाए जाने पर कॉरपोरेशन ने वन टाइम सेटलमेंट के तहत पैसे वसूल किए थे।
इसकी जानकारी होने के बावजूद बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 74.27 करोड़ रुपए का ऋण मंजूर किया। इस ऋण की किश्त अदा न किए जाने पर भी बोर्ड ने बाद में हिलाल राथर की फर्म को 100 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण दिया और 177 करोड़ रुपए का ऋण एनपीए हो गया।
हिलाल राथर सिमुला ग्रुप ऑफ कंपनी का भी मालिक है। एंटी करप्शन ब्यूरो पिछले कई महीनों से राथर से लगातार पूछताछ कर रही थी, ताकि पता लगाया जा सके कि राथर ने पैराडाइज एवन्यू बनाने के लिए बैंक से जो 177 करोड़ रुपए का ऋण लिया था, वो कहां खर्च किया गया? राथर पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं कर रहा था, लिहाजा एसीबी ने उसे हिरासत में लिया।