दो साल पहले की थी सादगी से शादी…
अक्टूबर 2018 में उन्होंने फिजुलखर्ची से बचते हुए सादगी से शादी की थी। इससे जो पैसे उनके पास बचे उसे वह लोगों की मदद के लिए खर्च करने वाले थे। उन्होंने बताया कि इस पैसे को वह गरीब लड़कियों को थी गरीबी की वजह से जिनके परिजनों को उनकी शादी करने में दिक्कत होती थी। जम्मू—कश्मीर से अनुच्छेद 370 को बेअसर किए जाने के बाद जब प्रतिबंध लगे तो वसीम अपनी योजना पर काम नहीं कर पाए। इसलिए उन्होंने 2020 में ऐसा करने की ठानी। इसी बीच कोरोना का कहर देश में दिखना शुरू हो गया। लॉकडाउन के कारण पीड़ित लोगों को देखकर उन्होंने बचत से गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने में जुट गए।
कोरोना संकटकाल में जारी की मदद…
उन्होंने कहा कि हम शादी के जश्न को बड़े तरीके से मनाने की योजना बना रहे थे। लेकिन बाद में हमने फैसला किया कि हम सादगी से काम करेंगे और। हमने लागत कम की और कुछ पैसे बचाए। कश्मीर सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है, इसलिए उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए किया। वसीम द्वारा अब तक 250 से अधिक खाद्य किट जरूरतमंदों में वितरित किए गए है। प्रत्येक किट की कीमत 1000 रुपए है। 250 किट आने वाले दिनों में वितरित किए जाएंगे। हालांकि वसीम अभी भी गरीब अविवाहित लड़कियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की अपनी मूल योजनाओं को नहीं छोड़ रहे है।
उन्होंने कहा कि वह गरीब लड़कियों की मदद करने के लिए और पैसे बचाएंगे। वसीम के लिए मिशन अभी शुरू हुआ है। उनका कहना है कि हम विवाह को बहुत बड़ा मानते है। हमारा समाज उन लोगों को नीचा दिखाता है जो पर्याप्त पैसा खर्च नहीं करते हैं। मैं इस रवैये को बदलना चाहता हूं।