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पर्यटकों को तरसी घाटी, अगस्त-नवंबर के बीच घटे घरेलू पर्यटक

locationजम्मूPublished: Dec 09, 2019 09:58:32 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद कश्मीर में इसका विशेष असर देखने को मिला है। इस वर्ष कश्मीर में अगस्त…

पर्यटकों को तरसी घाटी, अगस्त-नवंबर के बीच घटे घरेलू पर्यटक

पर्यटकों को तरसी घाटी, अगस्त-नवंबर के बीच घटे घरेलू पर्यटक

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद कश्मीर में इसका विशेष असर देखने को मिला है। इस वर्ष कश्मीर में अगस्त और नवंबर महीने के बीच महज 32 हजार घरेलू पर्यटक पहुंचे। उच्च पर्वतीय क्षेत्रों के बर्फ से ढक जाने की वजह से भी घाटी प्रभावित हुई है। अब पिछले वर्ष के चार महीने के आंकड़ों को उठाकर देखा जाए तो 2.49 लाख घरेलू पर्यटकों में 87 फीसदी की कमी देखी गई है। इतना ही नहीं, विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी 82 फीसदी की गिरावट आई। जम्मू-कश्मीर टूरिजम के मुताबिक, नवंबर महीने में सितंबर की अपेक्षा दोगुने पर्यटक आए। नवंबर में 10,946 घरेलू पर्यटक और 1,140 विदेशी पर्यटक यहां पहुंचे। बता दें कि 10 अक्टूबर से पर्यटकों के आने पर लगी पाबंदियों को हटाया गया था। इसके बावजूद इस बार केंद्रशासित प्रदेश को विशेष फायदा नहीं हुआ है। श्रीनगर में राजबाग स्थित शम्सी रिवेरा होटल के मालिक परवेज बाबा कहते हैं कि 24 कमरों में से महज 4 कमरे किराए पर उठे हैं। हैरान वाली बात तो यह है कि इन कमरों को भी वास्तविक कीमत से आधे दामों पर देना पड़ा है। वह कहते हैं कि मेरा होटल अभी तीन वर्ष पुराना है और मैं अपने रास्ते में व्यवसाय को खोने का जोखिम तो नहीं उठा सकता है। यदि मैं प्रति रूम का 4000 रुपये किराया लेता हूं तो मुझे शायद ही गेस्ट मिलें। बता दें, इसी वर्ष जून और जुलाई महीने में जब किसी को भी आर्टिकल 370 पर उठाए जाने वाले कदम की भनक तक नहीं थी तो घाटी में 1.62 लाख और 1.49 लाख घरेलू पर्यटक आए थे। यह पिछले वर्ष के आंकड़ों से 27 फीसदी ज्यादा है। इस बात की पुष्टि जम्मू-कश्मीर टूरिजम की ओर से भी की गई है। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि अमरनाथ यात्रा को अगस्त में हुए फैसले से पहले बीच में यदि रोका न जाता तो जुलाई में पर्यटकों की संख्या में और भी इजाफा हो सकता था।

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