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लेह में प्रशासन के तुगलकी फरमान के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, बवाल हुआ तो दी सफाई

locationजम्मूPublished: May 15, 2020 08:00:14 pm

Submitted by:

Prateek

Ladakh News: इधर मामले को बढ़ता देख प्रशासन ने (Protest Against Quarantine Policy In Leh)…

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लेह में प्रशासन के तुगलकी फरमान के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, बवाल हुआ तो दी सफाई

योगेश सगोत्रा
जम्मू: कोरोना महामारी से देश जूझ रहा है। इसी बीच केंद्रशासित लद्दाख में प्रशासन की ओर से ऐसा फैसला लिया गया जिसका लोगों ने जमकर विरोध किया। 2 दिन पहले बाहरी राज्यों से लोग लेह लौटकर आए है। प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कहा कि रेड जोन में रहने वाले लोगों को अनिवार्य रूप से 14 दिन क्वॉरेंटाइन रहने की बात कही। इसके लिए लोगों को घर जाने की बजाए किसी संबंधी के घर या सरकार द्वारा होटल में बनाए गए सेंटर में रहने को कहा गया। यहां प्रति व्यक्ति का किराया 2500 से 3000 प्रतिदिन तय किया गया है।


चुशोट योकमा कस्बे के लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रशासन के इस फैसले का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया। विरोध में महिलाओं समेत कईं लोग घायल हो गए। हाथापाई में घायल हुई ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल की चेयरपर्सन सायरा बानो ने महिला प्रदर्शनकारियों की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि हम डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार अपने बच्चों और तीर्थयात्रियों की निगरानी के लिए तैयार हैं। जिस तरह से अन्य नियंत्रण क्षेत्रों में नियमों का पालन किया जाता है वह लेह में भी लागू होना चाहिए।


इधर मामले को बढ़ता देख प्रशासन ने बयान जारी कर सफाई दी। लद्दाख के संयुक्त आयुक्त सौगात विश्वास ने ध्यान देते हुए कहा कि कुछ लोग क्वॉरेंटाइन में लग्जरी सुविधाएं चाहते हैं, उन लोगों के लिए होटल में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर है, अगर कोई वहां नहीं जाता चाहता तो वह आम क्वॉरेंटाइन में रह सकता है।

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