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सूनी रही नेताओं की ईद, जनता ने मनाई लोकतंत्र की जीत

locationजम्मूPublished: Aug 12, 2019 07:03:47 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

Jammu Kashmir: ईद के त्योहार पर जम्मू और कश्मीर घाटी में शांति रही। लोगों ने शांतिपूर्वक ईद की नमाज अदा की और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। सुरक्षाबलों ने भी…

Leaders of Kashmir do not celebrate Eid properly

सूनी रही नेताओं की ईद, जनता ने मनाई लोकतंत्र की जीत

श्रीनगर . ईद के त्योहार पर जम्मू और कश्मीर घाटी में शांति रही। लोगों ने शांतिपूर्वक ईद की नमाज अदा की और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। सुरक्षाबलों ने भी ध्यान रखा कि कहीं भी अप्रिय घटना न हो पाए। अनुच्छेद 370 का निष्प्रभावी करने के केन्द्र के फैसले से लोग सहमत नजर आए। लोगों ने कहा कि अब कश्मीर देश की मुख्यधारा से जुड़ विकास के नए आयाम रचेगा। एक ओर जहां लोगा ईद मना रहे थे वहीं, कुछ जगह ऐसी भी थी जहां सन्नाटा पसरा हुआ था। इन जगहों का नजारा हर साल मनाई जाने वाली ईद से अलग था। श्रीनगर के पॉश गुपकर रोड पर हर साल की तरह हजारों समर्थकों की भीड़ नहीं थी। दरअसल यहां जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के आवास हैं। यहां इस बार ईद उल अजहा का त्योहार खामोशी भरा रहा। पूर्व के वर्षों में उनके घरों पर समर्थकों की भीड़ लगी रहती थी। अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती को को हिरासत में ले लिया गया था। वहीं, फारूख अब्दुल्ला घर में ही हैं। सोमवार को इनके आवासों के आसपास केवल सुरक्षा गाडिय़ां ही नजर आ रही थीं।

अलग-अलग किए उमर-महबूबा

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अधिकारियों ने बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला हरि निवास पैलेस में हैं। वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा चश्मेशाही हट में हैं। पहले दोनों को एक ही जगह रखा गया था, लेकिन दोनों में झगड़े की खबरों के बाद अब उन्हें अलग-अलग जगहों पर रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि पांच अगस्त को जिन दूसरे नेताओं को पकड़ा गया था, उन्होंने यहां सेंटूर होटल में नमाज अदा की। सरकार ने उनके लिए एक मौलवी को भी भेजा था। घाटी में सोमवार की सुबह मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई, लेकिन कफ्र्यू जैसे प्रतिबंध लगे होने के कारण सडक़ों से त्योहार की रौनक गायब रही।

लोगों ने फैसले को बताया सही

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ईद की नमाज के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए और शांतिपूर्वक नमाज अदा की। लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। इस मौके पर लोगों का कहना था कि उन्हें सरकार के फैसले पर पूरा यकीन है। इससे निश्चित ही जम्मू कश्मीर के लोगों की भलाई होगी। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था को देखते लोगों को ज्यादा देर बाहर रहने की इजाजत नहीं दी गई। लोगों का कहना था कि लोकतंत्र की जीत के लिए कुछ वक्त की पाबंदियां मायने नहीं रखती हैं।

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