आम लोगों के लिए चुनाव
जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीबीआर सुब्रह्मण्यम के अनुसार चुनाव आम लोगों के लिए हैं और समय पर ही होंगे। उन्होंने कहा की फिलहाल, इन्हें स्थगित किए जाने की कोई योजना नहीं है। एक सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करने के साथ अन्य प्रकिया पूरी कर ली जाएगी।
प्रशासन ने निकाय चुनाव एक अक्टूबर से पांच अक्टूबर व पंचायत चुनाव आठ नवंबर से चार दिसंबर के बीच करवाने का फैसला किया है। नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने राज्य के मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य और अनुच्छेद 35ए के संरक्षण की मांग को लेकर इन चुनावों के बहिष्कार का एलान किया है।
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में आयोजित जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्य सचिव ने कहा कि पंचायत व स्थानीय निकाय चुनाव एक सुरक्षित और विश्वासपूर्ण माहौल में कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। लोग निष्पक्ष रूप से मतदान करें इसे सुनिश्चित किया गया है।
एक महिने बाद होगा चुनाव की तिथियों का ऐलान
उन्होंने कहा कि पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव कराने का फैसला जुलाई माह में लिया गया था। मतदाता सूचियों का प्रारूप तैयार हो चुका है। मतदाता सूचियों को अंतिम रूप दिया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी को स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी करनी है और वह जल्द ही इसे जारी कर सकते हैं। पंचायत चुनाव पांच नंवबर के आसपास शुरू होंगे और उनके लिए भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ही अधिसूचना जारी करनी है। एक सप्ताह के भीतर आप यह सभी प्रक्रियाएं पूरी होते देखेंगे। परिसीमन व आरक्षण को पूरा कर लिया गया है। प्रस्तावित तिथियों का
एलान भी हो चुका है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अगले कुछ दिनों में अधिसूचना जारी कर देंगे। इसके एक महीने बाद पंचायत चुनाव की तिथियों का एलान होगा।
चुनाव के मद्येनजर पुख्ता सुरक्षा इंतजाम
राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार ने कहा कि चुनाव को स्वतंत्र तथा शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। जहां भी जितनी सुरक्षा की जरूरत होगी उसका बंदोबस्त किया जाएगा। ज्ञात हो कि इससे पहले सरकार की ओर से 90 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है। जम्मू जिले के लिए 21 नोडल अफसर तैनात कर दिए गए हैं। निकाय व पंचायत चुनाव को संपन्न कराने के लिए अलग-अलग अंतर विभागीय समितियों का भी गठन किया गया है।
इन दलों ने किया चुनाव का बहिष्कार
यह भी बता दें कि डॉ फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की अगवाई वाली नेशनल कांफ्रेंस और महबूबा मुफ़्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने संविधान के अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 को बरकरार रखने के लिए चुनाव बहिष्कार के एलान किया है| दोनो दलों का कहना है कि केंद्र सरकार को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।