दो दिनों से अफरातफरी, लंगर भी बंद, यात्री छोड़ रहे कश्मीर
पिछले दो दिनों से लगातार पर्यटक और तीर्थयात्री कश्मीर छोड़ रहे हैं। पहलगाम का लंगर भी बंद हो गया है। ऐसी गतिविधियों से कश्मीर में स्थानीय लोगों में तनाव बढ़ गया है और कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं। लोगों में आशंकाओं को सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती से बल मिला है। एक सरकारी कर्मचारी के शब्दों में “केंद्र बलों की तैनाती के बारे में आदेश आने के बाद चुप्पी साध रहा है। इस स्थिति में एक सामान्य आदमी में डर और तनाव कैसे नहीं होगा। हम पिछले तीन दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। ” गौरतलब है कि घाटी में इन दिनों (35 A) के हटने और ( धारा 370) से छेड़छाड़ किए जाने को लेकर गंभीर चर्चा है।
पेट्रोल पंपों पर हजारों लोग लगे लाइन में
पिछले दो दिनों से लगातार हजारों लोग पेट्रोल खरीदने के लिए पेट्रोल स्टेशन की ओर जा रहे हैं, जिसका नतीजा यह है कि पेट्रोल पंपों पर कई जगह पेट्रोल नहीं है का बोर्ड लटक गया है। अली मोहम्मद, जिन्होंने पेट्रोल खरीदने के लिए श्रीनगर में लगभग 10 किलोमीटर की यात्रा की, उनका कहना है कि 90 के दशक के दौरान जब कश्मीर में उग्रवाद चरम पर था, लोगों में तब भी इस तरह का डर नहीं देखा गया था। दूसरी बात, नेशनल कान्फ्रेंस ( National Confrence ), पीडीपी ( PDP ), राज्य कांग्रेस जैसी पार्टियां भी इस भ्रम की स्थिति को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
सबसे ज्यादा खौफ पर्यटकों-अमरनाथ यात्रियों के घाटी छोड़ने के आदेश से
लोगों से बात करने पर साफ महसूस हो रहा है कि उन्हें सरकार की ओर से पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों के घाटी छोड़ने का जो फरमान जारी हुआ है, उसने उन्हें ज्यादा आतंकित किया है। उन्हें ऐसा लगता है कि ऐसी परिस्थितियां कश्मीर घाटी में अगले कुछ दिन अनिश्चय के रखने वाली हैं, लिहाजा लोग कम से कम आवश्यक वस्तुएं खरीदकर किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं।
डिपार्टमेंटल स्टोरों पर लगी लंबी लाइनें
कानून और व्यवस्था की स्थिति में गिरावट के कारण लोगों को शहर और अन्य जगहों पर सूखे राशन और आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करने के लिए अन्य स्थानों पर लाइन में लगे देखा गया। कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के डर से लोगों को शहर में और अन्य जगहों पर सूखे राशन और आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करने के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर देखा गया। किराने की दुकानों, चिकित्सा दुकानों और एटीएम के साथ श्रीनगर के बाजारों में अफरा-तफरी की स्थिति है। लोगों की एक अभूतपूर्व भीड़ देखी जा रही है, जिसका उद्देश्य महज सामान को स्टॉक कर लेने का है। नतीजा कालाबाजारी के रूप में भी सामने आ रहा है।