इस पर लवे ने आदेश पारित करने वाले नेताओं के अधिकार पर सवाल उठा दिया। निष्कासन के मुदï्दे पर उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती गत ४ अगस्त से नजरबंद हैं। ऐसे में निष्कासन आदेश किसने जारी किया है। उन्होंने कहा कि वे पार्टी प्रवक्ता के आदेश को स्वीकार नहीं करेंगे। प्रवक्ता को निष्कासन का अधिकार नहीं है। लवे ने कहा कि पार्टी की तरफ से इस तरह का कोई निर्देश नहीं मिला था कि उपराज्यपाल के शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होना है।
नजीर लावे ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के विवाद पर टिप्पणी नहीं की। “किसी ने भी मुझसे इस मुद्दे पर बात नहीं की। अगर पार्टी ने मुझे निदेज़्शित किया होता, तो मैं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होता। “नजीर लावे ने कहा कि वह पीडीपी कार्यकर्ता बने हुए हैं और उनकी किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने की कोई योजना नहीं है। “मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मुझे संसद सदस्य बनाया। मैं मुफ्ती साहब के मिशन को आगे ले जाऊंगा। मैं अभी भी पीडीपी का हिस्सा हूं। इस प्रवक्ता के पास मुझे निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। मेरे पिता एक राजनीतिक कार्यकर्ता रहे हैं और मुझे निष्कासन की धमकियों से डरना नहीं चाहिए।