चन्नीआनंद पिछले 20 सालों से एपी के साथ काम कर रहे हैं। इन तीनों ने जम्मू व कश्मीर के सामान्य जनजीवन के साथ ही प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की तस्वीरों को भी दुनिया तक पहुंचाया। पुरस्कार जीतने पर आनंद ने कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित हूं। मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है।’ हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। पुलित्जर पुरस्कार विजेता चन्नी आनंद ने कहा की अपने करियर के शुरुआती वर्षों के दौरान विश्व प्रेस प्रतियोगिताओं में भाग लिया लेकिन फिर भाग लेना बंद कर दिया क्योंकि मुझे लगने लगा था की भारतीय लेंसमैन की ऐसे मंचो पर कोई कदर नहीं। “हालांकि मुझे पुलित्जर पुरस्कार के बारे में पता था लकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मुझे इसके साथ सम्मानित किया जाएगा।
आनंद ने कई आतंकी हमलों, भारत-पाक सीमाओं पर पाकिस्तानी गोलाबारी और संघर्ष क्षेत्र में जीवन को कवर किया है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार मेरे 23 वर्षों के लंबे संघर्ष की मान्यता है। अन्य दोनों पुरस्कार विजेताओं क्रमश: मुख्तार खान और यासीन डार ने भी पुरस्कार मिलने पर खुशी व्यक्त की। गौरतलब है कि पुलित्जर पुरस्कार को पत्रकारिता में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है।