मनाली के एक ट्रैवल एजेंट ने कहा कि लगभग 2,000 टूरिस्ट रोजाना हिल स्टेशन पर आ रहे हैं। वहीं सप्ताहांत पर 4,000 से ज़यादा टूरिस्ट हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशन पर आते हैं। पर्यटकों की भारी आमद के कारण विभिन्न हिल स्टेशनों में अक्सर ट्रैफिक जाम हो जाता है। एटीएम के बाहर भी पर्यटकों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है। ज्यादातर एटीएम जल्दी ही खाली हो जाते है।
पर्यटन के सहारे जम्मू—कश्मीर में लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा था। और राज्य को भी फायदा होता है। पर पुलवामा हमले के बाद सब चौपट हो गया है। बताया जाता है कि पुलवामा हमले के बाद फरवरी में, एक नकारात्मक अभियान कुछ अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल एजेंसियों और नेटिज़ेंस द्वारा पर्यटकों को कश्मीर जाने से रोकने के लिए चलाया गया था। कुछ अंतरराष्ट्रीय ट्रेवल एजेंसियों ने पर्यटकों को कश्मीर के बजाए हिमाचल जैसे राज्य में जाने की सलाह दी। इसका परिणाम सामने है। कश्मीर में टूरिज्म पर गहरा असर पड़ा है। I
बढ़े हुए विमान किराया ने पर्यटकों की जेब पर असर डाला है। वहीं मौजूदा तनावपूर्ण हालात भी पर्यटन पर गहरा असर डाल रहे है। कश्मीर के ट्रेवल एजेंट्स का मानना हैं की हर साल नेशनल मीडिया द्वारा घाटी में नेगेटिव पब्लिसिटी की वजह से पर्यटक यहाँ आने से डर जाते हैं। उनका मानना हैं की कश्मीर एक ऐसी जगह हैं जहाँ टूरिस्ट खुद को बहुत सुरक्षित पाते हैं। बता दें जम्मू—कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मालिक ने भी यही यह बात मानी है कि नेशनल न्यूज़ चैनल्स की नेगेटिव पब्लिसिटी की वजह से कश्मीर टूरिज्म पीछे जा रहा हैं।