जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी करने और राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटने के बाद श्रीनगर समेत कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में प्रतिबंध लगे हैं। इस बीच, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने विपक्षी नेताओं से कश्मीर न आने और शांति व्यवस्था बनाने में मदद करने को कहा है। प्रशासन ने उन्हें पहले ही उनसे अपने दौरे को टालने की अपील की थी। जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार देर रात बयान जारी कर राजनेताओं से घाटी की यात्रा नहीं करने को कहा था, क्योंकि इससे धीरे-धीरे शांति और आम जनजीवन बहाल करने में बाधा पहुंचेगी।
‘स्थिति सामान्य तो फिर कैसी परेशानी’
इन सब के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक तरफ सरकार का कहना है कि स्थिति सामान्य है, दूसरी तरफ वे किसी को भी जाने की अनुमति नहीं देते हैं। आजाद ने सवाल उठाया कि अगर चीजें सामान्य हैं तो राजनीतिक नेताओं को नजरबंद क्यों किया जाता है। बता दें कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी करने के बाद से सरकार ने अब तक किसी भी राजनेता को राज्य में आने की इजाजत नहीं दी है। पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं को नजऱबंद किया हुआ है। जबकि कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद को दो बार राज्य में प्रवेश करने से रोका गया है। उन्हें एक बार श्रीनगर में और दूसरी बार जम्मू में रोका गया।
राज्यपाल ने राहुल को दिया था कश्मीर आने न्योता
दरअसल, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को कश्मीर आने का न्योता दिया था। जिसके बाद राहुल गांधी शनिवार को श्रीनगर आए थे।