(जम्मू): केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के अपने दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन जम्मू के सीमावर्ती लोगो को बड़ा उपहार दिया। सिंह ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की जिनमे जम्मू में सुरक्षा व्यवस्था से लेकर जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में हो रहे संघर्षों से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने और रोहिंग्या शरणार्थियों जुड़े मुद्यों को शामिल किया गया।
शुक्रवार जम्मू में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू में भारतीय रिजर्व पुलिस की के नए बटालियन बनाए जाएंगे, जिसमें 2 महिला बटालियन भी होगी। इसमें स्थानीय और सीमावर्ती लोगों को तरजीह दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सीमा पर रहने वाले जो भी भारतीय हैं, उनको हम अपना स्ट्रैटेजिक एसेट्स मानते हैं। हम उनके हौसले को सलाम करते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पर गोलाबारी के दौरान मरने वाले लोगों को 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। अब पांच लाख रुपए मृतक के सगे संबंधी के सीधे बैंक के खाते में जाएंगे और फिक्स डिपॉडिट वाली शर्ते हटा दी गई हैं।
पशुओं की मौत पर मिलने वाले मुआवजे में बढोतरी
उन्होंने कहा कि गोलाबारी के दौरान पहले यह था कि केवल 3 पशुओं की मौत पर प्रति पशु 30 हजार रुपए मुआवजा मिलता था, अब वह 50 हजार रुपए प्रति पशु मुआवजा दिया जाएगा और इसकी कोई सीमा नहीं होगी। चाहे जितने भी पशुओं की मौत होगी सभी का मुआवजा दिया जाएगा।
सुरक्षा के लिए यह नए पुख्ता इंतेजाम
बॉर्डर इलाकों के लिए पांच बुलेट प्रूफ एंबुलेंस मुहैया कराए जाएंगे। गृहमंत्री ने कहा कि 14 हजार नए बंकर बनाए जाएंगे। बंकर बनाने के लिए 415 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। 14 हजार से ज्यादा नए बंकर बनाए जाने हैं, जिसमें 13029 से ज्यादा कम्यूनिटी बंकर होंगे। कश्मीर घाटी से विस्थापित लोगों को अब 13 हजार रुपए प्रति परिवार प्रतिमाह दिए जाएंगे। पहले 10 हजार रुपए प्रति परिवार प्रतिमाह दिए जाते थे। पीओके और छंब से विस्थापित 36 हजार से ज्यादा लोगों को प्रति परिवार साढ़े पांच लाख रुपए मुआवजा देने का निर्णय किया गया था, जिसमें अभी तक 12 हजार से ज्यादा लोगों को मुआवजा दिया गया है। अब शेष बचे विस्थापितों को भी यह मुआवजा दिया जाएगा। जम्मू में रह रहे विस्थापितों को भी यह मुआवजा मिलेगा।
रोहिंग्या शरणार्थी मामला पर यह बोले
रोहिंग्या शरणार्थियों के मसले पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे जुड़ी समस्या से प्रभावित राज्यों को सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है। हम इस सूची को विदेश विभाग के साथ शेयर करेंगे और फिर म्यांमार सरकार से बात कर उन्हें वापस भेजने का काम करेंगे। हम अपने पड़ोसी मुल्क से अच्छे रिश्ते चाहते हैं। पाकिस्तान भी पड़ोसी मुल्क है और उम्मीद करते हैं वह भी इस बात को समझेगा। उन्होंने कहा कि बातचीत करने के लिए लाइकमाइंडेड होने की जरूरत नहीं है बल्कि राइट माइंडेड होने की जरूरत है। सीजफायर से कश्मीर में कुछ बेहतर स्थिति है।