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सज्जाद गनी लोन पर भाजपा खेल रही बड़ा दांव, पार्टी कर सकती है मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश

locationजम्मूPublished: Nov 14, 2018 06:21:17 pm

सज्जाद लोन पूर्व अलगाववादी हैं और अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन के बेटे हैं…

Sajjad gani lone file photo

Sajjad gani lone file photo

(पत्रिका ब्यूरो,जम्मू): भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जम्मू-कश्मीर के लिए नई रणनीति बनाई है और इसके तहत राज्य सरकार के पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन को राज्य विधानसभा के आगामी चुनावों में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाने की तैयारी चल रही है।


सज्जाद लोन पूर्व अलगाववादी हैं और अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन के बेटे हैं। अब्दुल गनी लोन की 2002 में हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद सज्जाद लोन ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए अलगाववाद विचारधारा का दामन चुना और 2008 अमरनाथ भूमि आंदोलन में कश्मीर के तरफ से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव से पहले सज्जाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और अपनी पार्टी पीपल्स कांफ्रेंस का समर्थन दिया। पिछले विधानसभा चुनावों में उसके दो विधायक जीते भी थे।


हाल की में सम्पन हुए नगरपालिका चुनाव मे सज्जाद की पार्टी पीपल्स कांफ्रेंस के बहुत पार्षदों ने विजय दर्ज की और सज्जाद लोन के पुराने साथी जुनैद मट्टो ने घर वापसी करते हुए पीपल्स कांफ्रेंस के समर्थन से श्रीनगर का मेयर पद हासिल किया। माना जा रहा है राज्यपाल सत्यपाल मलिक, जिनका राज्यपाल शासन का कार्यकाल 19 दिसंबर को ख़त्म होने वाला है, जल्दी ही विधानसभा भंग कर सकते हैं, जिसके बाद चुनाव आयोग अगले माह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की घोषणा कर सकता है और राज्य में मार्च या अप्रैल में चुनाव कराए जा सकते हैं।


सज्जाद लोन ने कैसे मारी बाजी


सज्जाद लोन के प्रधानमंत्री मोदी से संबंधों का नतीजा यह रहा कि पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद और उसके बाद महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार में लोन कैबिनेट मंत्री पद हासिल करने में सफल रहे थे। विधानसभा चुनाव में जब किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था और सरकार बनाने के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तथा भाजपा साथ आए थे, तो पीपुल्स कांफ्रेंस भी गठबंधन के साथ जुड़ी थी। उस समय मुफ्ती ने सज्जाद लोन को मंत्री पद देने से इसलिए इंकार कर दिया था, क्योंकि गठबंधन सरकार में मंत्री पद पीडीपी और भाजपा के बीच ही बंटने थे, लेकिन भाजपा ने अपने कोटे का एक मंत्री पद लोन के लिए छोड़ दिया था। पार्टी का प्रयास था कि अलगाववादी मुख्यधारा से जुड़ें, ताकि कश्मीर में शांति कायम हो सके।


इस समय जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू है और विधानसभा का अंक गणित देखें तो कोई भी दल या गठबंधन सरकार बनाने को राजी नहीं है। राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी चाहते हैं कि राज्य में जल्द चुनाव कराए जाएं, ताकि जनता को एक लोकप्रिय सरकार मिल सके। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव कराए गए जिनमें नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी को छोड़ बाकी दलों ने भाग लिया और जम्मू-कश्मीर के लगभग सभी क्षेत्रों में भाजपा का अभूतपूर्व प्रदर्शन रहा। अब भाजपा राज्य में अपनी सरकार चाहती है और सज्जाद लोन को इसका नेतृत्व देना चाहती है।


सज्जाद लोन देंगे उमर और महबूबा को कड़ी टक्कर

सज्जाद लोन यदि भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी बनते हैं, तो नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है, क्योंकि इन दोनों को राज्य की जनता मुख्यमंत्री के रूप में देख चुकी है, जबकि लोन भी युवा चेहरा हैं और मंत्री पद पर वह अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे हैं। भाजपा भी इस बात को जानती है कि भले जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में उसके पास कई प्रभावी नेता हों लेकिन घाटी में उसके पास कोई जाना पहचाना और बड़ा चेहरा नहीं है, इसलिए वह लोन पर दांव लगाना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में भाजपा महासचिव राम माधव की सज्जाद लोन से कई दौर की बात भी हो चुकी है। वह हाल ही में एक दावत के दौरान सज्जाद लोन से तब मिले जब श्रीनगर के मेयर पद पर पीपुल्स कांफ्रेंस का उम्मीदवार चुना गया।

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