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आईएएस से इस्तीफा देने के बाद शाह फैसल ने बनाई अपनी पार्टी, शहला रशीद भी हुईं शामिल

locationजम्मूPublished: Mar 18, 2019 03:24:59 pm

Submitted by:

Prateek

2010 बैच के यूपीएससी टॉपर फैसल ने इस साल जनवरी में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफा दे दिया था…

shah faisal

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(श्रीनगर): भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी शाह फैसल ने रविवार को श्रीनगर के राजबाग में रैली करके अपनी राजनीतिक पार्टी का एलान कर दिया। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट रखा है। रैली का आयोजन गिंदुन मैदान में किया गया। इस दौरान कश्मीरी मूल की जेएनयू छात्र संगठन नेता शहला रशीद भी फैसल की पार्टी में शामिल हुईं। अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए फैसल ने कहा की मुख्यधारा की पार्टी के रूप में हम केवल कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की ओर जा सकते हैं, जो नई दिल्ली और इस्लामाबाद से आना है। घोषणापत्र में कहा गया है कि पार्टी लोगों को राजनीतिक रूप से सशक्त, आर्थिक रूप से समृद्ध, सामाजिक रूप से समृद्ध, नैतिक रूप से विकसित, सांस्कृतिक रूप से प्रबुद्ध और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाकर राज्य में स्थाई शांति लाने का प्रयास करेगी।

 

0फैसल ने कहा कि महिलाएं कश्मीर संघर्ष की सबसे ज्यादा पीड़ित हैं और उन्हें उनकी पार्टी में शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को असंतोष व्यक्त करने और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उनकी पार्टी इन अधिकारों के लिए लड़ेगी। फैसल ने कहा कि उनकी पार्टी बौद्ध, सिख, ईसाई और कश्मीरी पंडित जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों के लिए पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व की मांग करेगी। जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट ने डोगरा समुदाय की कला, बौद्ध विरासत और अन्य स्थानीय परंपराओं जैसी उपेक्षित परंपराओं को पुनर्जीवित करने का भी वादा किया।

 

2010 बैच के यूपीएससी टॉपर फैसल ने इस साल जनवरी में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफा दे दिया था। उनके अनुसार कश्मीर में न थमने वाली हत्याओं और मुसलमानों को हाशिए पर रखने के विरोध में ऐसा कदम उठाया। फैसल ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक, केंद्रीय जांच ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी जैसे सार्वजनिक संस्थानों को वह अपने लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से देश के संवैधानिक संस्थानों को नष्ट किया जा रहा है, इसे रोकने की आवश्यकता है। इस्तीफा देने के बाद से पूर्व नौकरशाह राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त, स्वच्छ और पारदर्शी राजनीति के लिए युवाओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पहल का समर्थन करने के लिए जनवरी में चंदा जुटाने का अभियान भी शुरू किया था।

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