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कश्मीर में 35-ए के विरोध में एक हुए सामाजिक और राजनीतिक दल

locationजम्मूPublished: Aug 01, 2018 08:10:47 pm

नेशनल कांफ्रेंस के विधायक जावेद अहमद राणा ने तो राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हुए कहा कि अगर राज्य से 35ए को छेड़ा गया और धारा-370 को हटाने का प्रयास किया गया तो…

ptarika news

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(पत्रिका ब्यूरो,जम्मू) आगामी 6 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट मे धारा 35-ए पर होने वाली सुनवाई के चलते जम्मू व कश्मीर मे राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। कश्मीर केंद्रित राजनीतिक, सामाजिक, अलगाववादी और व्यापार समूहों ने एक स्वर में केंद्र सरकार को गंभीर परिणाम की धमकी देते हुए 35ए के साथ छेड़छाड़ न करने की चेतावनी दी है।

 

धारा 35-ए हमारी पहचान है

ऑल पार्टी हुरियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने अपने कैडर से एक लंबे और प्रभावी आंदोलन के लिए लामबंद होने का आह्वान किया है। धारा 35-ए पर 5 और 6 अगस्त के प्रस्तावित बंद के आह्वान को दोहराते हुए मीरवाइज ने कहा कि सुनियोजित साजिश के तहत अदालत के जरिये जम्मू-कश्मीर और इसकी आवाम की विशिष्ट पहचान को समाप्त करने का प्रयास हो रहा है। धारा 35-ए हमारी पहचान है। कश्मीरियों की आजादी की मांग दबाने और कश्मीरी मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बनाने की साजिश के तहत इसे भंग करने का प्रयास हो रहा है, जो असहनीय है।

 

राणा के विवादित बोल…

नेशनल कांफ्रेंस के विधायक जावेद अहमद राणा ने तो राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हुए कहा कि अगर राज्य से 35ए को छेड़ा गया और धारा-370 को हटाने का प्रयास किया गया, तो जम्मू-कश्मीर में हिंदुस्तान के झंडे का नामोनिशान नहीं रहेगा। राणा मंगलवार को मेंढर के गांव छूंगा में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस बीच प्रदेश के व्यापारियों, विनिर्माताओं, उद्योगपतियों, होटल मालिकों और पर्यटन व वाणिकी क्षेत्र से जुड़े लोगों के प्रतिनिधियों ने एक मीडिया सम्मेलन में हिस्सा लिया और सर्वोच्च न्यायालय से अनुच्छेद के प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने की अपील की । उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने से कश्मीर में अशांति का माहौल पैदा हो गया है और इस संवैधानिक प्रावधान में किसी प्रकार की हेराफेरी करना अनर्थकारी होगा ।

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