इस घटना के बाद से न सिर्फ पुलिस प्रशासन में हड़कंप है, बल्कि दिल्ली तक इसकी गूंज है । बताया जाता है कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने पुलिसकर्मियों को नौकरी छोडऩे या मरने की धमकी दी थी । कई गांवों में धमकी भरे पोस्टर भी लगाए गए थे । दरअसल आतंकी ऑपरेशन आल आउट से बौखलाए हुए हैं और उन्होंने पुलिसकर्मियों को अपने शिकार के रूप में चुना है, ताकि उसके जरिए वे कश्मीर की आवाम को भी धमका सकें ।
बताया जाता है कि अगवा होने की सूचना मिलने के साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अगवा पुलिसकर्मियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया था, लेकिन इनके शव कापरन गांव के जंगली इलाक़े में मिले । सभी शव गोलियो से छलनी थे । मृतक पुलिसकर्मियों के नाम फिरदौस अहमद कूचे, कुलवंत सिंह और निसार अहमद धोबी है ,जबकि एक अन्य अपह्रत फैयाज अहमद बट एक पुलिस कांस्टेबल का भाई है । आतंकियों ने पुलिसकर्मी के भाई को छोड़ दिया । सूत्रों ने बताया कि मृतक पुलिसकर्मी और नागरिक दक्षिण कश्मीर में दो गांवों कापरिन और बटगुंड के रहने वाले हैं ।