व्यवस्था बहाली में आतंकी बने बाधा
इसी तरह सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे गए आतंकी भी नेट का इस्तेमाल कर रहे थे। दोनों वारदातों में आतंकी अपने हैंडलर्स से नेट के जरिए आदेश-निर्देश ले रहे थे। इसके बाद प्रशासन इंटरनेट सर्विस की स्पीड के मामले मे रिव्यू किया। इसमें यह निर्णय लिया गया है कि सिर्फ २ जी सर्विस को ही जारी रखा जाए। केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन का प्रयास रहा कि जितना शीघ्र हो सके इस केन्द्रशासित प्रदेश में व्यवस्था की सामान्य बहाली हो जाए। इसी के तहत नजरबंद नेताओं की रिहाई भी की गई है।
नहीं बढ़ेगी इंटरनेट स्पीड
प्रशासन की योजना थी कि यदि २ जी इंटरनेट सेवाओं का गलत इस्तेमाल नहीं होता तो ३ जी व उसके बाद ४ जी और ब्रॉडबैंड सेवाओं शुरु की जा सकती हैं। लेकिन आतंकियों के स्थानीय पनाहगारों और आतंकियों ने इसका उपयोग आतंक फैलाने के लिए किया तो प्रशासन ऐसी किसी कवायद से पहले सतर्क हो गया। पहले से जारी 2 जी इंटरनेट सेवा को अवधि 15 फरवरी तक बढ़ा दी है। घाटी में आम लोगों के लिए ब्राडबैंड सेवा को फिलहाल बंद ही रखने का फैसला किया गया है। हालांकि, प्रशासन ने अनुमोदित वेबसाइट की संख्या को बढ़ाकर 481 कर दी है।