घायलों को इलाज के लिए उप जिला अस्पताल पखेरपोरा पहुंचाया गया। घायल नागरिकों की पहचान शफीक अहमद नाजर और इरफान वानी के रूप में हुई। अन्य दो लगभग 40 और 50 वर्ष की आयु की महिलाएं हैं। यहां से सभी को एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर रेफर किया गया। इस बीच, धमाके के तुरंत बाद, सीआरपीएफ, पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम ने हमलावरों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी की। सोमवार को उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा और नौगाम इलाके में दो आतंकवादी हमले हुए। इससे पहले हंदवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए राष्ट्रीय रायफल्स के कर्नल, मेजर, दो जवानों समेत एक पुलिस अधिकारी शहीद हो गए थे।
क्या बोले डीजीपी…
इधर सुरक्षबलों पर हो रहे हमले और आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी के बाद पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि पूरे कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान और तेज किया जाएगा। डीजीपी वांगम हमले में घायल हुए सीआरपीएफ के तीन जवानों के माल्यार्पण के समय आरटीसी हम्मा में मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। यह पूछे जाने पर कि सुरक्षा बलों ने पहले बारामूला को आतंकी मुक्त घोषित किया था, डीजीपी ने कहा कि जिले में कोई सक्रिय आतंकवादी नहीं थे, लेकिन कुछ घुसपैठ हुई है और कुछ सोपोर क्षेत्र में सक्रिय लोगों के साथ घुलमिल गए हैं, जो पहले से ही हमारे रडार पर थे। उन्होंने कहा कि जहां भी सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के बारे में जानकारी मिलती है, वहां अभियान चलाया जाता है और आतंकवादियों का पीछा किया जाता है। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस महामारी कोरोना वायरस के समय कई चुनौतियों का सामना कर रही है, उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल निकट तालमेल बनाए रख रहे हैं और बहुत ही पेशेवर तरीके से काम कर रहे हैं।