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केन्द्र सरकार देना चाहती है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश

locationजम्मूPublished: Feb 02, 2020 05:04:47 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

( J&K News ) केन्द्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रदेश में लोकतांत्रिक और राजनीतिक गतिविधियों की बहाली की दृष्टि से नजरबंद नेताओं ( House arrest Leaders ) की रिहाई की जा रही है। इसी कड़ी में चार ओर नेताओं को रिहा किया गया है। 35 में से 18 हुए रिहा।

केन्द्र सरकार देना चाहती है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश

केन्द्र सरकार देना चाहती है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश

श्रीनगर। ( J&K News ) केन्द्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रदेश में लोकतांत्रिक और राजनीतिक गतिविधियों की बहाली की दृष्टि से नजरबंद नेताओं ( House arrest Leaders ) की रिहाई की जा रही है। इसी कड़ी में चार ओर नेताओं को रिहा किया गया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने रविवार को चार और राजनेताओं को नजरबंदी से रिहा कर दिया। जिन नेताओं को रिहा किया गया उनमें , नेशनल कांफ्रेंस के अब्दुल मजीद लारमी, गुलाम नबी भट, मुहम्मद शफी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के मुहम्मद यूसुफ भट शामिल हैं। इन सभी नेताओं को यहां रेजिडेंसी रोड श्रीनगर में एमएलए हॉस्टल में हिरासत में लिया गया था। उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और अली मोहम्मद सागर अभी भी हिरासत में हैं। इससे पहले पांच नेताओं को 16 जनवरी को नजरबंदी से रिहा कर दिया गया था। इन सभी नेताओं को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से एक दिन पहले 4 अगस्त को नजऱबंद किया गया था।

35 में से 18 हुए रिहा
पार्टी सूत्रों ने उनकी रिहाई के बारे में पुष्टि की। नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक सूत्र ने कहा, “आज हमारी पार्टी के तीन नेताओं को रिहा कर दिया गया है। 5 अगस्त से कुल 35 नेता नजरबंद थे जिनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। 35 में से अब तक 18 नेताओं को रिहा कर दिया गया है, जबकि 17 अभी भी हिरासत में हैं।

राजनीतिक सक्रियता बढ़ेगी
फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर के गुप्कर रोड पर उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है, जिसे उप-जेल के रूप में नामित किया गया है। उमर अब्दुल्ला को हरि निवास पर हिरासत में रखा गया है और महबूबा मुफ्ती को मौलाना आजाद रेजीडेंसी रोड पर एक सरकारी इमारत में रखा गया है। इन राजनीतिक नेताओं की नजरबंदी ने केंद्रशासित प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों को निलंबित कर दिया है। कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित किसी भी राजनीतिक दल ने पिछले छह महीनों में किसी भी कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन नहीं किया है।

अतंरराष्ट्रीय संदेश देना है
जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूर्व में रिहा किए गए नेताओं की गतिविधियों से संतुष्ट है। यही वजह है कि रिहाई का सिलसिला जारी रखा गया है। सरकार और प्रशासन ने रिहाई की शुरूआत छोटे नेताओं से की है, ताकि इनकी गतिविधियां परखी जा सकें। जानकारों का कहना है कि यदि कुछ ठीकठाक रहता है तो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं भी रिहाई की जा सकती है। इस रिहाई के पीछे केंद्र सरकार का उदï्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश देना है कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां सामान्य हैं।

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